ऐसी बीमारी जो पशुओं के ब्याने के 3-10 दिनों के बाद होती है

ज्यादा दूध की पैदावार वाली गायें और भैंसे एक ऐसी बीमारी का शिकार हो सकती हैं जो ब्याने के कुछ दिनों के बाद ही हो जाती है। अधिकतर ताजे ब्याए पशुओं में यह बीमारी ब्याने के बाद 3-10 दिनों तक होती है। इस बीमारी को सूतकी बुखार कहा जाता है। इसका मुख्य कारण खून में कैल्शियम की मात्रा का कम होना है। इस बीमारी का समय काफी हद तक निश्चित होता है।

अधिकतर ब्याने के बाद कुछ दिनों को छोड़कर इससे अगले या पिछले समय में यह बीमारी बहुत कम देखने को मिलती है इसके अलावा तीसरे ब्यांत से ऊपर वाले पशु इस बीमारी के प्रभाव में ज्यादा आते हैं।

इस बीमारी के कुछ लक्षण:

• पशु सुस्त हो जाता है और पठ्ठे खाना बंद कर देता है।

• बीमारी के शुरू में पशु लड़खड़ा कर चलता है और शरीर अकड़ा हुआ लगता है।

• पशु गर्दन मरोड़ कर बैठ जाता है या एक ओर लंबे पड़ जाता है।

इलाज क्या है और क्या है सावधानियां?

वास्तविक बीमारी का इलाज तो पशु की हालत देखकर ही किया जाता है। इसलिए नज़दीक के बढ़िया तज़ुर्बेकार डॉक्टर से दवाई ज़रूर पिलायें।

• जितने पशुओं में पिछले ब्यांत में बीमारी आई हो उन पशुओं का पूरा दूध ना निकालें।

• पशु को गर्भ के आखिरी महीने 15-20 ग्राम निशादर खुराक में मिलाकर खिलायें।

• गर्भ के आखिरी महीने में खुराक के अलावा कैल्शियम ना दें।

स्त्रोत – गुरू अंगद देव वैटनरी यूनिवर्सिटी लुधियाना

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