खेतीबाड़ी सप्लाई श्रेणी को टूटने से रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय

कोविड-19 का तेजी से फैलना  इन दिनों में सबसे बड़ी चिंता का विषय है। जबसे WHO ने इस बात को ग्लोबल महांमारी के तौर पर घोषित किया है, तब से ही भारत के साथ ओर कई देशों में वायरस के खिलाफ लड़ने और नागरिको को बचाने के लिए कई तरह की करवाई कर रहे हैं। पब्लिक हेल्थ के लिए एक बड़ा खतरा होने के इलावा  करोना वायरस के प्रभाव उद्योगिक और व्यापारक क्षेत्रों के लिए मुश्किलों को बढ़ा रहे हैं। इसे देखते हुए, स्थानक सरकारों और किसान खेतीबाड़ी में बढ़ रहे मुद्दे को लेकर समस्या में हैं ।

खेतीबाड़ी सप्लाई श्रेणी की रुकावट को रोकने के लिए भारती सरकार बहुत कुछ कर रही है, पर अनचाहा और अचानक बदला मौसम और ओर कारक उनके उद्देश्य के लिए बड़ी रुकावट बन रहे हैं और बुनियादी तौर पर खेती प्रणाली बुरी तरह जख्मी हो चुकी है।

एगमारकनेट के आंकड़े के अनुसार, ब्लूमबर्गक्विंट शो द्वारा  इकट्ठा किया और प्रयोग किया जाता है:

  • 11 से 6 मार्च दरमियान आमद में 15% की गिरावट
  • 11 से 6 अप्रैल में सिर्फ एक महीने की अवधि में , आमद में 76% की भारी गिरावट

प्रमुख खुराकी पदार्थ जो बाजारों तक पहुँचने में असमर्थ है।

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योजना कमीशन के साबका सदस्या अभिजीत सेन के ब्यान (जो ब्लूमबर्गक्विंट पर एक लेख में प्रकाशित हुए )  के अनुसार, ” किसान मंडियों से बहुत दूर रहते हैं और जब भी वह मंडी में जाते हैं तो उनकी चीजे अक्सर नहीं खरीदी जाती। या उन्हें कम मूल्य दिया जाता है ।

उसने यह भी कहा , ” यह इसलिए है क्योंकि सप्लाई श्रेणी दो स्तर पर दबा दी गई है। किसानों के लिए मंडी में पहुंचना सिर्फ मुश्किल ही नहीं बल्कि मंडी में से शहर और कसबे में पहुंचना भी मुश्किल है । यह भी एक बड़ी समस्या है। “

जैसे कि किसान, सप्लायर और खपतकार सप्लाई श्रेणी के टूटने के बारे में चिंतित है, इस पर किसान खेतों और किसानों को बचाने और सप्लाई श्रेणी को वापिस सही रास्ते पर लाने क लिए निम्नलिखित करवाई कर सकती है।

प्रभावशाली उपाय, जो खेतीबाड़ी सप्लाई श्रेणी को टूटने से बचाव सकते हैं:

 

1. सत्ता में मौजूद लोगों द्वारा अब ओर परेशानी और हिंसा न की जाए

इस मुश्किल समय में स्थानक पुलिस विक्रेताओं को खेतीबाड़ी की जरुरी चीजें जैसे कि बीज, खाद आदि बेचने से रोक रही है। सरकार को तुरंत सख्त नोटिस जारी करना चाहिए ताकि पुलिस को यह परेशानियों और हिंसा, ख़ास करके गांव में करने से रोका जाए।

 

2. कोविड-19  स्रोत केंद्र को खेतीबाड़ी हेल्पलाइन नंबर

फ़िलहाल उपलब्ध नंबर – किसान काल सेंटर के नंबर 1800 180 1551 को कोविड-19 के खेती पर होने वाले प्रभाव, सरकार किसानों की कैसे सहायता कर रही है और मौजूदा समय में मंडी के हालातों आदि की सूचना प्रदान करने में बदलाव की जरुरत है।   इसके इलावा, सुबाई खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के सदस्या और ICAR के वैज्ञानिकों को इस हेल्पलाइन द्वारा आसानी से पहुंचने योग्य होना चाहिए।

 

3. रेल गाडी का प्रयोग

जब तक देश में आवाजाई अस्थाई तौर बंद है, तब तक खाली रेल गाडी को सप्लायर से किसानों तक खेतों में प्रयोग की जाने वाली समग्री लेजाने और ताजा उपज को किसानों से अलग अलग राज्य में ले जाने के लिए प्रयोग की जा सकती है। A C वाली पैसंजर गाडी को जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को ले जाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा करने से लॉकडाउन के दौरान भी रेलवे विभाग को अच्छी आमदन  हो सकती है। रेलवे के मानता प्राप्त माल एजेंटों की नियुक्ति उन्हें बिना रुकावट आवाजाई के कामों के लिए शामिल करने के लिए की जा सकती है। अगर यह किया जा सकता है , तो रेलवे को छोटे और दरमियाने आकार के बीज विक्रेता और खेती सामग्री कंपनियों को कुछ रियायत के बारे में विचार करना चाहिए ।

 

4. विकेन्द्रीकृत प्रशासन

इस तालाबंदी दौरान, सरकार को निर्विघन सप्लाई श्रेणी और किसानों की उपज की बाजारों तक पहुंच यकीनी बनानी चाहिए। इसके लिए अलग अलग वस्तुओं की गांव स्तर पर फॉर्मेटिंग विक्री के विकेन्द्रीकरण की जरुरत है। साथ ही, PDS वस्तुओं को गांव से उठाकर सरकारी एजेंसियों द्वारा मंडी में ले जाना चाहिए, जहां अब फॉर्मेटिंग की खरीद नहीं की जाती ।

सब-मार्किट यार्ड सिस्टम, जोकि आमतौर पर खरीद सीजन दौरान पंजाब प्रयोग कर रहा है, इन मुश्किल दिनों में बहुत सहायता कर सकता है। पंचायती कम्पाऊण्ड , मिल, गोदाम आदि अस्थाई तौर पर उप मार्किट यार्ड के तौर पर प्रयोग किये जा सकते हैं और PACS इस सभी में शामिल हो सकते हैं ताकि यह यकीनी बनाया जा सके कि किसानों को उनकी वस्तुओं का सही मूल्य मिले।

 

5. सही सुरक्षा से मंडी खोलना

भोजन सप्लाई की श्रेणी को रुकावट से बचाने के लिए नियमित मार्किट यार्ड और मंडी निरंतर चलनी चाहिए, चाहे छोटे पैमाने पर ही चलें और सेहत और सुरक्षा की समस्या से बचाव के लिए अलग समय के लिए स्थानक या टोकन दे कर किसानों को अलग अलग समय पर उनकी फसलें बेचने की आज्ञा दी जा सकती है।

मौजूदा समय किसानों के लिए बहुत चुनौती पूर्ण है और सरकारों की तरफ से प्रदान की गई सही सुरक्षा निर्देशों की पालना करते मंडी को  फिर से खोल कर उन्हें महत्वपूर्ण सहायता दी जा सकती है।

 

6. खेती सहायक व्यवसाय का नवीनीकरण

खेती में प्रयोग की जाने वाली सामग्री वाली मार्किट इस समय काम नहीं कर रही , इस तरह सरकारों को चाहिए कि वह सभी निर्माण इकाइयों और कारोबार जो खेती सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, को फिर से करने की आज्ञा दें।  उदाहरण के लिए, बीज उद्योग को आमतौर पर पैकिंग यूनिट की जरुरत होती है, इसके लिए पैकिंग कारोबारों को नियंत्रित करके काम करने की आज्ञा होनी चाहिए। कर्मचारियों की विशेष सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और मालिकों को सुरक्षा के सभी  नियमों की पालना करनी चाहिए ।

 

7. डिजिटल पोर्टल का प्रयोग

यदि संभव हो, तो सरकार को चाहिए कि सभी मंडी और बाजारों को कम से कम स्टाफ के साथ फिर से खोलने की अनुमति हो। साथ ही, किसानों और सप्लायर को इनाम (ऑनलइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म ) का कुशल प्रयोग करने के लिए उत्साहित करें,

क्योंकि यह इस महत्वपूर्ण समय में सब किसानों, व्यापारियों और खरीद दारों के लिए बहुत सारा समर्थन और मौके ला सकते हैं।

 

8. अनाज भंडारण समाधान

हालांकि सरकारी भंडारों में अनाज और ओर  खाने के कच्चे माल की कमी नहीं है, फिर भी किसानों को अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए जो चीजें तैयार की जा रही है बेचने की जरुरत है । यदि भंडारण सहूलतों की समस्या है, तो जरुरत पड़ने पर स्कूल और गांव के नजदीकी ओर इमारतों अनाज ओर उपज को सुरक्षित तरीके के साथ स्टोर करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

 

9. उत्तेजक पैकेज

मुख्य तौर पर छोटे ओर दरमियाने आकार की कंपनियों के लिए बीज उद्योग को एक उत्तेजक पैकेज तैयार करने की बहुत अधिक जरुरत है। उदाहरण का तौर पर, जीरो व्याज दरों या कम व्याज वाले कर्जे को बीज उत्तेजक पैकेज में शामिल किया जा सकता है।

 

परिणाम

हालांकि खेतीबाड़ी सेक्टर में इन सप्लाई श्रेणी की रुकावट के मुख्य कारण कोविड-19 का फैलना है, जो इस समय बेकाबू हो रहा है। सरकारों ओर एजेंसियों के सहयोगी यत्नों द्वारा तैयार की गई एक प्रभावशाली योजना और इसे हर स्तर पर लागू करना ऐसी रुकावटों को रोक सकता है। यह न सिर्फ सप्लाई श्रेणी को सुचारु बनाएगी, जोकि खपतकारों को जरुरी खाने पीने की चीजें खरीदने में सहायता करेगी, बल्कि उन किसानों को भी भोजन देगी जो सदियों से इस विशाल देश को भोजन दे रहे हैं। आपके स्थान की परवाह किये बिना, एक किसान होने के नाते या खेती के साथ जुड़े हुए, आप शायद बहुत सारी मुश्किलों और मार्किट की अस्पष्टता से भी निपट रहे हैं। आपकी बहुत सी समस्या और खेतों, खेतीबाड़ी और बाजार से जुडी समस्या से अपनी खेती के पास उचित समाधान है। इस बुरे समय में आप अकेले नहीं है, हम आपके साथ खड़े हैं।

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