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सुअर पालन को एक सफल व्यवसाय बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम

मीट और पोल्ट्री उद्योग दुनिया के बड़े और मुनाफे वाले उद्योगों में से एक है, क्योंकि इसकी मांग हमेशा ज़्यादा होती है। अब यदि बात करें तो दुनिया में सबसे ज़्यादा खाये जाने वाले मीट के बारे तो पोर्क या सुअर का मीट पहले नंबर पर आता है। इसी कारण जो लोग पशु व्यापार में आना चाहते हैं, वह सुअर पालन को ज़्यादा तरजीह देते हैं।

इस काम में मुख्य तौरपर सुअर पालन, प्रजनन और बेचने की तरफ ख़ास ध्यान दिया जाता है। चूज़ों के बाद सुअरों को सबसे बढ़िया फीड कनवर्टर माना जाता है। भारत में सुअर पालन ज़्यादातर प्राचीन समय से पिछड़े वर्गों द्वारा किया जाता है, क्योंकि उनके पास बराबर मुनाफा लेने के लिए कोई अन्य विकप्ल या रोज़गार नहीं होता।

सुअर पालन को मुनाफे वाला व्यापार कैसे बना सकते हैं ?

नीचे लिखी जानकारी हमें साफ़-साफ़ बताएगी कि यह व्यापार क्यों मुनाफे वाला है और क्यों इस व्यापार को बाकी व्यापार के मुकाबले अधिक तरजीह देते हैं:

  • सुअर दूसरे पशुओं के मुकाबले जल्दी विकसित होते हैं और बड़े सुअरों को मार्किट में बेचने के लिए ज़्यादा समय इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
  • सुअर का मीट संसार भर में पौष्टिक और स्वाद्ला माना जाता है, जिसके कारण इसकी मांग बढ़ती रहती है।
  • यह व्यापार सुअर तैयार करने और ताज़ा मीट के तौरपर विदेशों में भेजने तक ही सीमित नहीं, बल्कि इसमें हैम, लार्ड, पोर्क, बैकन, सोसेजस आदि भी विदेशों में भेजी जा सकती हैं।
  • सुअरों को भोजन देना कोई ख़ास चिंता की बात नहीं है, क्योंकि सुअर हर तरह की फीड जैसे कि कूड़ा, अनाज, चार, फल, गन्ना, सब्जियां, व्यर्थ भोजन आदि खा लेते हैं।
  • इस काम में आमतौर पर निवेश भी कम करना पड़ता है और ज़्यादातर खर्चा उपरकण खरीदने और आवास बनाने में लगता है।
  • सुअरों में फीड को मीट में तब्दील करने की समर्था काफी ज़्यादा होती है।
  • केमिकल और साबुन उद्योग, पेंट और पोल्ट्री फीड के कार्यों में सुअर की फैट की मांग ज़्यादा होती है।
  • अंत में सुअर पालन व्यापार निवेश और मुनाफा अनुपात में काफी बढ़िया है।

सुअर पालन की जानकारी के लिए 8 स्टेप:

1. सुअर पालन के लिए ट्रेनिंग हासिल करना

व्यापारक स्तर पर सुअर पालन शुरू करने के लिए, स्थापित ट्रेनिंग केंद्रों और यूनिवर्सिटीयों से ट्रेनिंग लेना बहुत ज़रूरी है। इस ट्रेनिंग का मुख्य उदेश्य है:

  • इससे आपको इस व्यापार की बारीकियों को समझने में मदद मिलेगी।
  • आपको पता चलेगा कि सुअरों के बढ़िया विकास के लिए उन्हें किस तरह के वातारवरण में रखना चाहिए।
  • इससे आपको मैनेजरों और उद्योगी लोगों से कारोबारी रिश्ते बनाने में आसानी होगी।
  • आपकी फर्म की आर्थिक व्यवहार्यता के साथ उत्पादन की सेहत और कुशलता को बढ़ाने में आपको सहायता मिलेगी।

2. उचित जगह की पहचान

सुअर पालन के बारे में ज़रूरी जानकारी हासिल करने के बाद, अगला कदम सही ज़मीन का चयन करना है। इसके चयन के समय जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता का ध्यान रखें, जो नीचे लिखे अनुसार है:

  • ताजे और साफ पानी की पर्याप्त मात्रा
  • शोर रहित और शांत क्षेत्र
  • दवाइयां, टीके, वस्तुओं आदि खरीदने और फार्म के उत्पाद बेचने के लिए मंडी नज़दीक होनीं चाहिए।
  • ऐसी ज़मीन जिस तक पहुंचना आसान हो।
  • जहाँ मंडीकरण और आवाजाई प्रणाली बढ़िया हो।
  • वैटनरी सुविधाएं उपलब्ध हो।

3. सुअरों की उत्पादन में बढ़िया नस्लें रखना

सफलतापूर्वक फार्म तैयार करने के बाद समय आता है नस्लों के चयन का।

संसार भर की मंडियों में सुअरों की बहुत सी नस्लें उपलब्ध हैं, पर आपने उन नस्लों का चयन करना है जो व्यापारक स्तर और मुनाफे में बढ़िया हों।

व्यापारक सुअर उत्पादन के लिए ज़्यादातर प्रयोग की जाती सुअरों की नस्लें हैं: हैंपशायर, लैंडरेस, ड्यूरोक, यार्कशायर और इनकी दोगली किस्में। यह नस्लें उच्च मात्रा में मीट उत्पादन और फीड को मीट में बदलने के लिए काफी समर्थ है। इसके अलावा यह व्यापारक नस्लें, स्थानक नस्लों के मुकाबले बीमार कम होती हैं और माड़ी क्वालिटी की फीड और गर्म पानी के साथ ज़्यादा प्रभावित होती हैं।

4. सुअरों के लिए घर बनाने की प्रक्रिया शुरू करना

यह ज़रूरी है कि सुअरों के लिए आरामदायक घर बनाये जाएं, जिनमें ज़रूरी उपकरण हो, क्योंकि यह आपके सुअर पालन के कारोबार को असल में सफल बनाने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। यह घर ना केवल सुअरों को आवास प्रदान करेंगे, बल्कि अनगिनत बीमारियाँ, परजीवी और शिकारियों से भी बचाएंगे।

आवश्यक ज़रूरतों के अलावा यह सुनिश्चित करें कि इन घरों में हवा प्रणाली सही हो और गर्भवती, मीट वाले, नस्लकशी वाले आदि सुअरों को अलग-अलग रखें। यह इसलिए क्योंकि हर किस्म के सुअर को अलग तरह की जगह की ज़रूरत होती है।

5. सुअरों को सही तरीके से फीड देना

व्यापारक सुअर पालन के लिए सुअरों को फीड देना ख़ास काम है। सुअरों को पूर्ण विकास और सेहत भोजन के पौष्टिक स्तर पर बहुत ज़्यादा निर्भर करता है। सुअरों की बुनियादी फीड में जई, गेहूं, चावल, अनाज, ज्वार, मक्की और बाजरा आदि होता है।

यह यकीनी बनाएं कि इसमें कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट जैसे कि मीट और मछली तेल, तेल केक आदि हों। इसके अलावा पानी को भरपूर मात्रा में उपलब्ध करवाएं क्योंकि सुअरों को रोज़ाना इसकी ज़रूरत होती है, जिसकी मात्रा लगभग 1.5-2 गैलन पानी प्रति 6 महीने होती है।

6. ब्रीडिंग प्रक्रिया शुरू करें

सुअरों में प्रजनन क्रिया बहुत साधारण और आसान होती है। साधारण हालातों में 8 महीने की उम्र में और 100-120 किलो भार होने पर नर और मादा प्रजनन के लिए तैयार हो जाते हैं।

मादा सुअरों में हीट का समय 2-3 दिनों तक होता है, पर पहला और दूसरा दिन प्रजनन के लिए बढ़िया माना जाता है। बच्चे को मां से अलग करने से 2-10 दिन के बाद मादा सुअर प्रजनन के लिए दोबारा तैयार हो जाता है।

115 दिन सुअरों की गर्भ अवस्था के लिए उपरली सीमा माने जाते हैं। मादा सुअर एक साल में दो बार बच्चों को जन्म दे सकती है और हर बार 8-12 सुअरों को जन्म देती है।

7. उचित संभाल और प्रबंधन को यकीनी बनाएं

यह आपका फर्ज बनता है कि आप अपने सुअरों की देखभाल सही तरीके से करें और उन्हें अलग-अलग बिमारियों और सेहत समस्याओं से बचाएं। इसके साथ कुछ नर सुअरों को 3-4 सप्ताह की उम्र में नपुंसक बनाया जाता है। मादा सुअर की फीड की तरफ ख़ास ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है, ख़ास तौर पर जब वह गर्भ अवस्था में हो। इसके अलावा छोटे सुअरों, सांड सुअरों और अन्य गर्भवती मादा सुअरों का ख़ास ध्यान रखें।

स्वाइन बीमारी से बचाव के लिए यह यकीनी बनाएं कि 2-4 सप्ताह की उम्र में छोटे सुअरों का टीकाकरण करवाएं। इसके आलावा सुअरों की सुरक्षा के लिए लोगों को बिना काम के फार्म के आस-पास घूमने ना दें।

8. अपने उत्पादों के मंडीकरण की तरफ ध्यान दें

यह केवल सुअर पालन के लिए ही नहीं, सभी व्यापारों के लिए ज़रूरी स्टेप है। जब सुअर बेचने की उम्र में आये तो इन्हें आसानी से स्थानक और अंतर-राष्ट्रीय मंडियों में बेच दें क्योंकि इसकी मांग बहुत ज़्यादा है।  हालांकि दूसरे पशु व्यापारों के मुकाबले इसमें कुछ समस्याएं आती हैं।

यदि आपने सही मंडीकरण करना है तो आप अपने उत्पाद की गुणवत्ता और सुअर पालन समय अपनाये सेहत संबंधी मापदंड बारे लोगों को जागरूक करें, इससे स्थानक और राष्ट्रीय मंडियां ही नहीं बल्कि अंतर-राष्ट्रीय मंडियों में भी ग्राहक मिलेंगे।

परिणाम

हमें उम्मीद है कि आप सुअर पालन के कार्य के बारे में गहराई तक जान चुके हो और जान चुके हों कि भारत में यह व्यापार बढ़िया तरीके से कैसे स्थापित किया जा सकता है। ऊपर बताये गए 8 स्टेप व्यापार को सफल बनाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं। हालाँकि इस कार्य में नए बंदे के लिए नस्लों और पशु पालन के संबंधी कुछ समस्याएं आ सकती है।

पर चिंता करने की ज़रूरत नहीं! आपके लिए हल हमारे पास है। सुअर पालन के संबंधी जानकरी लेने के लिए अपनी खेती की वेबसाइट पर जाएं या ऐप डाउनलोड करें। अपनी खेती माहिर आपकी समस्याओं को हल कर देंगे, क्योंकि यह प्लेटफार्म ग्रामीण और कृषक समुदायों के लिए बनाया गया है। आज ही माहिरों से जुड़ें!

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