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कैसे की जाती है पॉली हॉउस में टमाटर की खेती

उत्तरी राज्यों में, बसंत के समय टमाटर की पनीरी नवंबर के आखिर में बोयी जाती है और जनवरी के दूसरे पखवाड़े में खेत में लगाई जाती है। पतझड़ के समय पनीरी की बिजाई जुलाई-अगस्त में की जाती है और अगस्त-सितंबर में यह खेत में लगा दी जाती है। पहाड़ी इलाकों में इसकी बिजाई मार्च-अप्रैल में की जाती है और अप्रैल-मई में यह खेत में लगा दी जाती है पर  पॉली हाउस में इसके पौधे लगाने का समय अलग होता है। पॉलीहाउस में बिजाई का समय और पौधे लगाने का समय :

  • नवंबर का पहला हफ्ता अंतिम नवंबर बहार ऋतु की फसल
  • नवंबर का आखिरी हफ्ता मध्य फरवरी

पंजाब वर्षा बहार 1 और पंजाब वर्षा बहार 2 किस्मों की बिजाई जुलाई के दूसरे पखड़वाड़े में की जा सकती है और अगस्त के दूसरे पखवाड़े में पनीरी उखाड़ कर खेत में लगा दें और एक जगह पनीरी के दो पौधे लगाएं।

 

पनीरी तैयार करना

पनीरी तैयार करने के लिए 1.5 मीटर चौड़ी और 20cm ऊंची कियारी बनाएं। कियारी बनाने से पहले 10 क्विंटल गली सड़ी रूडी जमीन में मिला लेनी चाहिए और कियारी को बिजाई के कम से कम 10 दिन पहले पानी दें। कियारी 1.5-2.0 प्रतिशत फार्मलीन के घोल के साथ 4-5 लीटर 33 3435 36 पानी प्रति वर्ग मीटर के साथ पतला करें।

कियारी को प्लास्टिक की चादर के साथ 48 से 72 घंटे तक निकाल दें। बाद में दिन में एक बार 4 से 5 दिन तक कियारी की मिट्टी पलटें ताकि फार्मलीन का असर खत्म हो जाए। बीज के उपचार के लिए 3gm captan thiram दवा प्रति किलो बीज लगाएं। बीज 1 या 2 cm गहराई पर लाइनों में 5cm के फासले पर बिजाई करें। पनीरी के अंकुरण के 5 से 7 दिन बाद captan thiram दवा (4gm प्रति लीटर) के घोल के साथ पतला करें। 7 से 10 दिन के बाद इसे फिर से करें।

 

नदीनों की रोकथाम

stop 30 ताकत (पेंडीमेथलीन) एक लीटर या 750ml और बाद में एक गुड़ाई या sencor 70 ताकत 300gm या बासालिन 45 ताकत (फल क्लोराइन) एक लीटर या 750ml के बाद एक गुड़ाई करें। इन नदीननाशक का छिड़काव 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ के हिसाब से पनीरी उखाड़ कर लगाने से 3 से 4 दिन पहले अच्छे तैयार किए अच्छी नमी वाले खेत में करें। बासालिन 45 ताकत (फल क्लोराइन) को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाना चाहिए।

 

हार्मोन का छिड़काव

टमाटर की पैदावार बढ़ाने के लिए विपुल बूस्टर 1ml प्रति लीटर पानी में डालकर टमाटर के नर्सरी बैड में पनीरी खेत में लगाने से एक हफ्ता पहले छिड़काव करें। इसके इलावा इस दवा के पांच ओर छिड़काव पौधे खेतों में लगाने के बाद 15 दिन के अंतराल पर करें। ऐसा करने के लिए पहले छिड़काव किए खेतों में लगाने के लगभग एक हफ्ते बाद करें और दवा की मात्रा आधी करें मतलब कि आधा ml प्रति लीटर पानी में प्रयोग करें। एक छिड़काव के लिए लगभग 100 लीटर पानी पर 50ml दवा एक एकड़ के लिए जरुरी है। इसके प्रयोग के साथ नवंबर महीने में लगाई फसल में लगभग 16 से 18 प्रतिशत तक पैदवार बढ़ जाती है। जबकि फरवरी महीने में लगाई फसल में 12 प्रतिशत वृद्धि होती है।

 

पानी

पहला पानी पनीरी खेत में लगाने के बाद लगाएं। गर्मियों में सिंचाई 6 से 7 दिनों के बाद और सर्दियों में 10 से 15 दिन बाद करें। कुल्य मिलाकर 14 से 15 पानी बहुत है।

 

तुड़ाई

तुड़ाई मंडी के फासले के अनुसार करें। दूर की मंडी के लिए पका हुआ हरा फल तोड़ें , नजदीक के लिए लाल रंग में बदल रहा है फल तोड़ें । चटनी बनाने के लिए पूरे पके लाल फलों का चुनाव करें। दूर की मंडी के लिए अधिक पका गला और छेदक के वाला फल पेटी में नहीं डालना चाहिए । तुड़ाई के बाद फल को 13 डिग्री सेंटीग्रेड पर ठंडा करें। पंजाब वर्षा बहार 1 अंतिम नवंबर में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है और पंजाब वर्षा बहार 2 दिसंबर के पहले पखड़वाड़े में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।

 

बीज उत्पादन

टमाटर को दूसरी किस्मों से 50 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए ताकि कोई मिलावट न हो सके। सही बीज तैयार करने के लिए फसल के 4 निरीक्षण जरुरी है। पहला निरीक्षण फूल लगने से पहले, दुसरा निरीक्षण फूल और फल लगने पर और तीसरा निरीक्षण फल तोड़ने से पहले होना चाहिए। ओपेरा और बीमारी वाले पौधे उखाड़ देने चाहिए। पके हुए फल में से बीज निकालने के लिए फर्मेंटेशन और तेज़ाब वाले तरीके हैं। फल को रगड़ कर एक दो दिन के लिए रख दें और फिर पानी में भिगो दें। पानी में दबाने के बाद गुदा पानी के ऊपर आ जाएगा और बीज नीचे बैठ जाता है। तेज़ाब वाले तरीके में 100ml हाइड्रोक्लोरिक तेज़ाब को 14 किलो रगड़े हुए टमाटर में डाल दें। बीज और गुदा आधे घंटे में अलग हो जाते हैं और इसके बाद बीज को साफ करके और सूखा कर पैकेट में बंद कर दें।

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