सरसों का बीज अगले सीजन के लिए किसान खेत में ही बड़े पैमाने पर इसकी खेती करे तो यह ओर किसनों के लिए बीज भी तैयार करके इसे बेच और प्रयोग कर सकते हैं बीज उत्पादन के लिए खेती के तरीके :
- कृषि विश्वविद्यालय से हर साल मादा (ए) लाइन और नर (आर) लाइन का नया बीज खरीदें।
- प्रति एकड़ बीज उत्पादन के लिए 500 ग्राम मादा (ए) लाइन और 300 ग्राम नर (आर) लाइन बीज की आवश्यकता होती है।
- दोगला बीज पैदा करने के लिए ऐसे खेत का चयन करना चाहिए जिसके पास राई या गोभी सरसों की कोई अन्य फसल 1500 मीटर तक न बोई गई हो। जिन खेतों में पिछले तीन वर्षों के दौरान राई या गोभी सरसों की खेती नहीं की गई है, वहां बीज उगाए जाने चाहिए।
- मादा (ए) और नर (आर) लाइनों को निम्नलिखित अनुपात में बोया जाना चाहिए: राया: मादा (ए) की 6 पंक्तियाँ नर: (आर) की 2 पंक्तियाँ गोभी सरसों: मादा (ए) की ४ पंक्तियाँ: नर (आर) की 2 पंक्तियाँ अर्थात प्रत्येक 2 नर (आर) पंक्ति के बाद मादा (ए) पंक्ति की 6 पंक्तियों की बिजाई की जानी चाहिए। पंक्तियों के बीच 30cm की दूरी रखें।
- गोभी सरसों के लिए प्रत्येक 2 नर (आर) पंक्तियों के बाद मादा (ए) की 4 पंक्तियाँ बोएँ और पंक्तियों के बीच 4cm की दूरी रखें। दोनों फसलों के लिए, बुवाई के 2-3 सप्ताह बाद, पौधों के बीच 10-12cm की दूरी रखते हुए अतिरिक्त पौधों को हटा दें।
- पहले पूरे खेत में नर (आर) लाइन और फिर मादा (ए) लाइन बोएं। दो नर (आर) लाइन के दोनों ओर एक एक लाइन खाली छोड़ दें ताकि इसके बीज मादा (ए) लाइन के बीच न गिरे। इसके साथ साथ बीज उत्पादन वाले खेत के चारो ओर एक पट्टी के रूप में नर लाइनों की बिजाई करनी चाहिए ताकि अधिक बूर (प्रागणक) प्राप्त हो सके।
- बीज उत्पादन के लिए अनुशंसित खेती विधियों का उपयोग किया जाना चाहिए। फूल आने के समय में एकरूपता लाकर मादा (ए) लाइन में परागण गतिविधि बढ़ाएं
- कनोला गोभी सरसों की दोगली किस्म पी जी एस एच 1707 की नर (आर) लाइन FRZY005′ और राई की दोगली किस्म पी एच आर 126 की नर (आर) लाइन ‘एफ आर ए-जे आर 102 बी’ में इसकी मादा (ए) लाइनें (सी एम एस-ए जी 24 ओर सी एम एस एम 29) के मुकाबले 4-7 दिनों के बाद फूल आना शुरू हो जाता है। नर आर) लाइन और मादा (ए) लाइन के फूलों में बराबरी लाने के लिए फूल निकलने पर ही मादा (ए) लाइनों की मुख्य शाख को तोड़ दें। लेकिन 10 नवंबर के बाद बोई जाने वाली फसल में इसकी आवश्यकता नहीं होती है। कनोला राया किस्म आर सी एच 1 की मुख्य शाखा को भी तोड़ने की जरूरत नहीं है।
- सिफारिश की खादों की मात्रा के इलावा पहली सिंचाई के बाद नर (आर) लाइनों के बीच 7.5kg यूरिया प्रति एकड़ डालने से पौधे की लंबाई में विकास होता है।
अनावश्यक पौधों को निकालना
यदि मादा (ए) लाइन और नर (आर) लाइन में अनावश्यक पौधे हैं, तो उन्हें फूल आने से पहले निकाल देना चाहिए। इसी प्रकार, यदि मादा (ए) लाइन में कोई परागण करने वाले (बूर देने वाले) पौधे हैं, तो उन्हें फूल आने के समय निकाल देना चाहिए। अनावश्यक पौधे को निकालने का काम सुबह के समय करना चाहिए। अनावश्यक पौधे को निकालने का काम तब तक करना चाहिए जब तक सभी पौधों को फूल न आ जाएं। इसके इलावा यदि कुछ पौधों को फूल न आएं तो उन्हें भी बाहर निकाल देना चाहिए।
कटाई और बीज की देखरेख
- नर (आर) लाइन और मादा (ए) लाइन के पौधों पर फूल आने के तुरंत बाद नर (आर) लाइनों की कटाई कर लेनी चाहिए ताकि इसके बीज मादा (ए) लाइन के बीज (दोगला बीज) के साथ मिल सके।
- मादा (ए) लाइनों से प्राप्त बीज दोगला बीज होता है जिसे अलग से काटकर उपज लेनी चाहिए। इसके इलावा मादा (ए) लाइन की कटाई से पहले एक बार खेत में से सभी अनावश्य पौधे निकाल देने चाहिए ताकि ताकि शुद्ध बीज प्राप्त हो सके।
- बीज को अच्छी तरह से सूखा कर नमी रहित थैली में डालकर, नमी रहित जगह पर रखा जाना चाहिए।
- समय पर बिजाई की गई फसल से लगभग 3.0-3.5 क्विंटल दोगला बीज प्रति एकड़ प्राप्त किया जा सकता है।
आपने पढ़ा कैसे किया जाता है सरसों का बीज तैयार, इसी तरह किसी भी फसल या बीमारी के बारे में माहिरों की सलाह लेने के लिए डाउनलोड करें अपनी खेती एप।
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