ब्याने वाले पशुओं की सेहत को ध्यान में रखते हुए उनके लिए बढ़िया शेड और कमरे की ज़रूरत होती है। रौशनी, पानी और ताजी हवा आने और जाने का प्रबंध और मूत्र का सही निकास ना होने के कारण पशुओं को कई किस्म की बीमारियां लग जाती है। इसलिए पशुओं को स्वथ्य और आरामदायक रखने के लिए साफ़ शेड और कर्म की ज़रूरत होती है।
भैंसों के ब्याने वाला कमरा:-
- शेड के एक तरफ पशुओं के लिए अलग ब्याने वाला कमरा बनाना चाहिए। ब्याने से 10-15 दिन पहले गाभिन गाय या भैंस को दुसरे पशुओं से अलग कर देना चाहिए।
- इसको आरामदायक जगह पर अलग कमरे में रखें जहाँ उसे दुसरे पशु बेचैन ना कर सकें।
- ब्याने वाले पशु को कमरे में लेकर जाने से पहले कमरे को अच्छी तर साफ़ करें और फिनाइल या फिनोल के घोल से कीटाणु रहित कर देना चाहिए। पशु के आराम के लिए इस कमरे में पराली बिछा देनी चाहिए।
- ब्याने वाले कमरे की जगह 100 से 120 वर्ग फ़ीट बनाई हुई और 180-200 वर्ग फ़ीट खुली होनी चाहिए जो कि हवादार और रौशनी भरपूर हो।
- इस कमरे में चारा और पानी पीने वाली खुरली सही ढंग से बनानी चाहिए।
- पशुओं के ब्याने वाली कमरे में बछड़ों के कमरे दफ्तर के नज़दीक होने चाहिए ताकि इन सभी की देखभाल आसानी से की जा सके।
साफ़-सफाई:-
- जहाँ पशुओं के लिए बढ़िया किस्म की आरामदायक शेड बनाने की सलाह दी जाती है वहीं पशुओं के घरों को साफ़ रखने की भी सलाह दी जाती है।
- रोज़ाना शेड में से गोबर, मूत्र, बिछाई हुई पराली, खुरलियों में से बचे हुए चारे को बाहर निकालने के बाद शेड को साफ़ पानी से अच्छी तरह धोएं।
- प्रत्येक महीने और ख़ास तौरपर बारिश की मौसम में शेड को महीने में 2 बार कीटाणु रहित कर देना चाहिए ताकि बीमारी फ़ैलाने वाले कीटाणुओं का नाश हो जाये।
- शेड को कीटाणु रहित करने के लिए कौन सा ढंग प्रयोग किया जाये यह पशुओं के घरों के आकार जैसे कि कच्चे या पके फर्श और जीवाणु वेजीटेटिव स्तिथि में हो तो उन्हें नष्ट करना आसान होता है और स्पोर बनाने वालों को खत्म करना मुश्किल होता है।
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