mustard farming

जाने कैसे की जाती है पनीरी से सरसों की फसल तैयार

सरसों पंजाब की मुख्य तेल बीज फसलों में से एक है। सरसों जाति की फसलें जैसे कि तोरिया, गोभी सरसों और तारामीरा को व्यापारिक आधार पर रेपसीड माना जाता है, जब कि राई और अफ्रीकन सरसों को मस्टर्ड में गिना जाता है। सरसों से बनी खल दुधारू पशुओं के लिए अधिक फायदेमंद है। इसकी बिजाई के लिए खेत और पनीरी तैयार करने का ढंग जाने कैसा है।

खेत की तैयारी

अच्छी फसल उगाने के लिए खेत को अच्छी तरह तैयार करना ज़रूरी है। खेत की 2-4 बार जुताई करें और हर जुताई के बाद मिट्टी को सुहागा के साथ समतल करें। बारानी क्षेत्र में देशी हल से एक या दो बार खेत की जुताई करें और हर बार मिट्टी को समतल करें। तोरिया के अच्छे अंकुरण के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है, लेकिन तोरिया के अंकुरण के लिए बहुत अधिक नमी अच्छी नहीं होती।

पनीरी द्वारा गोभी सरसों और अफ्रीकन सरसों की खेती

गोभी सरसों और अफ्रीकन सरसों की खेती पनीरी द्वारा सफलतापूर्वक की जा सकती है। जहाँ बुवाई पिछेती (नवंबर से मध्य दिसंबर) करनी हो तो इस विधि को पहल दीजिये। अधिक उपज प्राप्त करने के लिए नवंबर में पनीरी की पुटाई करके खेत में लगा दें।

पनीरी तैयार करना

पनीरी को खेत में लगाने से 60 दिन पहले गोभी सरसों (GSL1) और 30 दिन पहले कनोला गोभी सरसों और अफ्रीकन सरसों की पनीरी की बिजाई कर दें। एक एकड़ की पनीरी के लिए 8 मरले (200 वर्ग मीटर) जगह काफ़ी होती है।

अच्छी पनीरी तैयार करने के लिए खेत, जिसमें अच्छी नमी हो उसकी बढ़िया तैयारी ज़रूरी होती है। अंतिम रोपण के समय 4.5 किलो यूरिया और 4 किलो सिंगल सुपरफॉस्फेट डालें और मिट्टी को समतल करें। फिर गोभी सरसों के लिए 400 ग्राम और अफ्रीकन सरसों के लिए 600 ग्राम बीज का एक सामान रूप से छींटा दें और बीज को तंगली या दांतेदार हैरो के साथ अच्छी तरह मिलाएं। बीज के अंकुरण के 10 दिन बाद थोड़ी मात्रा में पानी लगाएं। फिर ज़रूरत अनुसार एक या दो बार पानी दें।

ध्यान देने योग्य बातें

फास्फोरस के लिए सुपरफॉस्फेट उर्वरक को पहल दें जिसमें फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर भी होता है।

  • अधिक से अधिक लाभ के लिए तोरिया और गोभी सरसों या जौं के चारे की मिश्रित खेती करें।
  • फूल आने की शुरुआती अवस्था, फलियों के बनने और दाने बनने के समय सिंचाई का विशेष ध्यान रखें।

गोभी सरसों और अफ्रीकन सरसों पनीरी को पुटाई करके लगाना

सिंचाई के बाद खेत को अच्छी तरह तैयार कर लें। गोभी सरसों के लिए 45 सेंटीमीटर और अफ्रीकन सरसों के लिए 30 सेंटमीटर की दूरी पर क्यारियां बनाएं और पनीरी के पौधे 10 से 15 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं। फिर क्यारियां भर दें और तुरंत बाद पानी लगा दें।

बेड प्लांटिंग

गोभी सरसों की पनीरी के द्वारा सफल खेती बेड पर भी की जा सकती है। इस तरीके से उपज में 10-15% वृद्धि तथा 20-25% सिंचाई के पानी की बचत की जा सकती है। खेत तैयार करने के बाद पूरी फॉस्फोरस और आधी नाइट्रोजन उर्वरक का छींटा अंतिम जुताई से पहले दें। बेड को सिफ़ारिश किए गए गेहूं बेड प्लांटर के साथ बनाएं। गोभी सरसों के पौधों की दो कतारों को बेड के ऊपर कतार से कतार 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे में 10 सेंटीमीटर के फासले पर लगाएं। पनीरी लगाने के तुरंत बाद खेत को पानी लगाएं। नाइट्रोजन की आधी बची खाद 3-4 सप्ताह के पहला पानी लगाने के बाद डाल दें और बेड प्लांटर के पीछे लगा शेपर हटाकर प्लांटर को कियारियों में लगाकर इनको सही आकार दें।

सिंचाई

तोरिया की बिजाई अच्छी सिंचाई के बाद करनी चाहिए। तोरिया में आवश्यकतानुसार फूल आने के समय एक सिंचाई की जा सकती है। यदि राई, गोभी सरसों और अफ्रीकन सरसों की बिजाई अच्छी सिंचाई (10-12 सेमी) के बाद की गई हो तो पहली सिंचाई तीन से चार सप्ताह के बाद करनी चाहिए। इससे पौधों की जड़ें गहरी होंगी जो उर्वरकों के उचित उपयोग के लिए आवश्यक हैं। यदि आवश्यक हो तो राई और अफ्रीकन सरसों की फसल को दूसरा पानी फूल आने पर दें। यदि कोहरे का डर हो तो दूसरा पानी पहले भी लगाया जा सकता है। गोभी सरसों की फसल को दूसरा पानी अंतिम दिसंबर या जनवरी की शुरुआत में दें। तीसरी और अंतिम सिंचाई फरवरी के दूसरे पखवाड़े में की जा सकती है। इसके बाद पानी नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे फसल गिरने का खतरा रहता है।

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