भारत में जौं को गरीब आदमी की फसल समझा जाता है क्योंकि इसकी खेती के लिए कम निवेश की आवश्यकता होती है। इसे विपरीत परिस्थितियों जैसे कि बारानी, लवणीय/क्षारीय एवं कम उपजाऊ क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है। जौं की फसल में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की समस्या अधिक होती है। इसके लिए एक या दो गुड़ाई अवश्य करें। इससे खेत में नमी का संरक्षण होता है और खरपतवारों का नियंत्रण भी होती है।
आइये जानें कैसे करें जौं की फसल में खरपतवारों की रोकथाम
• घास कुल के खरपतवार – खरपतवार जैसे कनकी, जंगली जई व लोमड़ घास के नियंत्रण के लिए एक्सियल 5 ई.सी. 400 मि.ली. को 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 40-45 दिन बाद प्रति एकड़ पर छिड़काव करें।
• मिश्रित खरपतवार – खरपतवार जैसे संकरी व चौड़ी पत्ती वाले के लिए एक्सियल 5 ई.सी. 400 मि.ली. के साथ एलग्रीप 20 डब्लयु पी 8 ग्राम + 200 मि.ली. सर्फेक्टेंट या एफीनिटी 40 डी.एफ. 20 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 40-45 दिन बाद छिड़काव करें।
• चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार – इनके नियंत्रण के लिए 2,4-डी अमाइन 58 एस.एल. 500 मि.ली. या एफीनिटी 40 डी.एफ. 20 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 40-45 दिन बाद छिड़काव करें।
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