पॉलीहाउस या नैटहाउस में बे–मौसमी सब्जियां जैसे कि टमाटर, शिमला मिर्च, बैंगन आदि पैदा करके ज़्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। छोटे किसानों को इसका और भी फायदा होता है इसमें बिना किसे ज़हर का प्रयोग किये सब्जियां उगाई जा सकती हैं। पर पॉलीहाउस या नैटहाउस में उगाई जाने वाली सब्जियों को कई तरह की बीमारियां भी लगती हैं। जिससे इसकी उपज के ऊपर असर पड़ता है। अच्छी उपज लेने के लिए बिमारियों की रोकथाम बहुत ज़रूरी है। रोकथाम के लिए आप नीचे दिए गए नुस्खे अपना सकते हैं:
1. पॉलीहाउस या नैटहाउस में ज़्यादातर बीमारियां मिट्टी के ज़रिये पैदा होती हैं और धीरे–धीरे यह बीमारियां बढ़ती जाती हैं। इन बिमारियों से बचाव के लिए बिजाई से पहले मिट्टी को बीमारी रहित करना पड़ेगा। इसके लिए हरी खाद और सूरज की रौशनी का प्रयोग का किया जाता है।
2. बिजाई करने से पहले पिछली फसल की अपशिष्ट अवशेष बाहर निकालकर नष्ट कर देनी चाहिए और बीज को सिफारिश के अनुसार उपचार कर लेना चाहिए।
3.पॉलीहाउस या नैटहाउस को पूरा पॉलीशीट के साथ ढका हुआ दोहरा दरवाजा लगाएं और अंदर जाने के समय दरवाजे को बंद करना ना भूलें। दरवाजे के अंदर की तरफ लाल दवाई (पोटाशियम परमेगनेट) का घोल बनाकर रखें और अंदर जाने के समय जूता नीचे से गीला करके ही अंदर जाएं। पॉलीशीट को बाहर से अच्छी तरह दबाकर रखें।
4. मशीनरी और खेती उपकरणों को बाहरले खेत की मिट्टी से साफ़ करके ही पॉलीहॉउस या नैटहाउस के अंदर लेकर जाएं। पॉलीहॉउस या नैटहाउस के अंदर और बाहर नदीनों की रोकथाम करें।
5. पॉलीहॉउस या नैटहाउस के अंदर सिंचाई के लिए तुपका प्रणाली को पहल देनी चाहिए पर यदि खाली के ज़रिये सिंचाई करनी हो तो अंडर ग्राउंड पाइप का प्रयोग करें।
6. फसल का लगातार निरीक्षण करते रहें। रोगी पौधे और टहनियों को काटकर पॉलीहॉउस या नैटहाउस से बाहर निकाल दें। नीचे गिरे हुए रोगी पौधे और गले सड़े फलों को बाहर निकालकर नष्ट कर दें।
7. पॉलीहॉउस या नैटहाउस की तोड़–फोड़ का खास ध्यान रखें। दरवाजे और दीवारों में हुए छेदों को अच्छी तरह बंद कर दें।
इन बातों का ध्यान रखकर पॉलीहॉउस या नैटहाउस में सब्जियों को होने वाली बिमारियों से बचाया जा सकता है।
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