सब्जियों का राजा कहलाने वाले बैंगन में दवाइयों के गुण भी हो सकते हैं, इस बात को बहुत कम लोग जानते होंगे। भारत की हर रसोई में बैंगन को सब्जी के रूप में पकाया जाता है। लेकिन आदिवासी इसे कई हर्बल उपायों के रूप में उपयोग करते हैं।
नींद का ना आना:
आग पर भुने हुए बैंगन में स्वाद के अनुसार शहद डालकर रात को खाने से नींद अच्छी तरह से आती है। बैंगन नींद ना आने की बीमारी को दूर करने के लिए बहुत उपयोगी साबित होती है।
पेट फूलने और अपच (बदहजमी) की समस्या:
गुजरात के हर्बल सूचना अनुसार बैंगन का सूप तैयार किया जाना चाहिए जिसमें हींग और लहसुन भी स्वाद के अनुसार मिलाया जाए तो पेट फूलने, गैस, अपच और पाचन जैसी समस्याओं में बड़ी राहत मिलती है। बैंगन को भुनाकर और इस में स्वाद के अनुसार नमक ढालकर चबाने से खांसी दूर होती है और कफ़ बाहर निकलती है।
खून की कमी दूर:
भुने हुए बैंगन में थोड़ी सी शक़्कर ढालकर सुबह खाली पेट खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से खून की कमी दूर हो जाती है।
मशरुम का ज़हरीला असर ख़तम:
यदि किसी कारण से ज़हरीले मशरूम का उपयोग किया जाए तो व्यक्ति को तुरन्त भुना हुआ बैंगन मसल कर खिलाना चाहिए। इस से मशरुम का ज़हरीला असर ख़तम हो जाता है। बैंगन में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है और इस में पाए जाने वाले कार्बोहाईड्रेटस की मात्रा में घुलनशील गुण होने चाहिए। इस लिए इस को शूगर के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
दिल का रोग:
बैंगन का उपयोग उच्च रक्त और दिल के रोगों के लिए उत्तम माना जाता है। यह हमेशा देखा गया है कि शरीर में लोहे के तत्व अधिक नुकसान पहुंचाते हैं और इस मामले में नासुनिन नामक रसायन बैंगन में पाया जाता है। यह शरीर की लोह सामग्री को नियंत्रित करता है और इसे सामान्य बनाने में मदद करता है।
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