अज़ोला – पशुओं की फीड के लिए एक चमत्कारी फर्ण

यह पानी की सतह पर तैरने वाला फर्ण है,जिसमें शाखाएं, तने और जड़ें होती हैं। यह पौधा पानी में नीचे की तरफ को लटकता है। यह हरे चारे की एक किस्म है,जो पशुओं के लिए फीड के तौर पर प्रयोग की जाती है,क्योंकि यह पशुओं के द्वारा आसानी से पचा लिया जाता है। बाकी हरे चारे वाली फसलों के मुकाबले अज़ोला में अधिक पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा धान की फसल में नाइट्रोजन की मात्रा को ठीक बनाए रखने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसलिए अज़ोला को धान की फसल में बायो खाद या हरी खाद के तौर पर प्रयोग किया जाता है।यह प्रोटीन, विटामिन, अमीनो एसिड और खनिजों जैसे कि (कैलशियम,पोटाशियम,फासफोरस और मैगनीशियम) का अच्छा स्त्रोत है। यह फीड के तौर पर बकरियों,सुअरों,भेड़ों और खरगोशों को भी दिया जा सकता है।

अज़ोला की खेती

• अज़ोला की खेती के लिए पानी इक्ट्ठा करने के लिए जगह की जरूरत होती है।

• पानी इक्ट्ठा करने के लिए 2 मीटर x 1 मीटर x 20 सैं.मी. (लंबाई x चौड़ाई x ऊंचाई) के हिसाब से गड्ढे खोदें।

• पानी रिसने,मिट्टी के तापमान और आसपास से पौधों की जड़ों के विकास से बचाव के लिए गड्ढों को प्लास्टिक शीट से ढक दें।

• प्लास्टिक शीट से बराबर मात्रा में 10—15 किलो छानी हुई मिट्टी बिना किसी मिलावट के डालें।

• गारा तैयार करने के लिए गोबर 5 किलो, एज़ोफोस 40 ग्राम और एज़ाफर्ट या एस एस पी 20 ग्राम को 10 लीटर पानी में मिलायें। इसेअच्छी तरह मिलाने केबाद इसे छान लें और फिर 8 सैं.मी.तक ऊंचा स्तर उठानेके लिए और पानीमिलायें।

• बिजाई के लिए रोग और कीटों से मुक्त अज़ोला का प्रयोग करें।

• गड्ढे में अज़ोला 7—10 दिनों के अंदर तैयार हो जाता है और लगभग 1—1.5 किलो पैदावार प्राप्त होती है।

• अज़ोला की तेजी से पैदावार के लिए 2 किलो गोबर, 25 ग्राम एज़ोफोस और 20 ग्राम एज़ोफर्ट को 2 लीटर पानी में मिलाकर तैयार किया गारा 7 दिनके अंतराल पर डालते रहें।

पानी में से अज़ोला बाहर निकालने का तरीका

पानी में से अज़ोला बाहर निकालने के लिए प्लास्टिक से बनी ट्रे का प्रयोग करें जिसमें 1 वर्ग सैं.मी. वाली जाली के सुराख बने हों।

सावधानियां

• नाइट्रोजन के अलावा जल्दी ही थोड़े अंतराल पर गोबर वाला गारा, सुपर फासफेट और अन्य मैकरो और सूक्ष्मतत्व आदि ना मिलायें, इससे यह समय से पहले ही पक जाता है।

• अज़ोला के अच्छे विकास के लिए तापमान 30 डिगरी सेल्सियस से कम रहना चाहिए। यदि तापमान इससे अधिक है तो छांव के लिए नैट लगाकर तापमान ठीक करें।

• अनावश्यक घनता को रोकने के लिए हर रोज़ या थोड़े दिन बाद अज़ोला पानी में से निकालते रहें।

• हर रोज चैक करते रहें और 5.5—7 तक बनाकर रखें।

• पानी में से अज़ोला निकालने के बाद अच्छी तरह धोकर पशुओं को खाने के लिए दें।

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