क्या आप रंग-बिरंगे गेहूं के बारे में जानतें हैं?

रंगदार गेहूं (काला, नीला और जामुनी) में रंग एन्थोस्यानिन (40-140 पीपीएम) के वजह से होता है, जो अनाज भरने के समय खेतों में कुदरती तौर पर विकसित होता है। एन्थोस्यानिन एंटीआक्सीडेंट हैं जो ऑक्सीडेटिव नुक्सान से बचाते हैं और बुढ़ापा, कैंसर, दिल की बीमारियां, डाइबीटीज़ और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।

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कैसे विकसित की जाती है रंगदार गेहूं?
सात सालों की खोज के बाद रंगदार गेहूं एन.ए.बी.आई. ने विकसित किया है। यह पेटैंट और पी.वी.पी.एफ.आर.ए एपलीकेशन द्वारा सुरक्षित किया गया है। और इसको एफ.एस.एस.ए.आई द्वारा मनुष्य इस्तेमाल के लिए मंज़ूर किया गया है।

कौनसी खोज इसके सेहतमंद होने की पुष्टि करती है?
एन.ए.बी.आई. ने लेबोरेटरी के प्रयोगों से एन्थोस्यानिन, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीफिल्मेटरी गतिविधि की पुष्टि की है। रंगदार गेहूं में एन्थोस्यानिन, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं।

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