गेहूं में हमला करने वाले संभावित कीड़े और उनकी रोकथाम

गेहूं एक प्रमुख फसल है। कई किसानों की तरफ से धान की कटाई के बाद गेहूं की सीधी बिजाई की गई थी। जो किसान पिछले कई वर्षों से गेहूं की इस तरह बिजाई कर रहे हैं, उन्हें गेहूं में कीड़े—मकौड़े और चूहों की समस्याओं की जानकारी है, पर जिन किसानों ने पहली बार गेहूं की सीधी बिजाई की है उन्हें गेहूं की इन समस्याओं के बारे में अवगत करवाना बहुत जरूरी है। गेहूं में लगने वाले सामान्य कीटों की पहचान और उनकी रोकथाम निम्न दी गई है:

सैनिक सुंडी — यह कीड़ा कई फसलों में नुकसान करता है, पर कई बार मार्च—अप्रैल महीने में गेहूं की फसल पर इसका हमला दिखाई देता है। इस बार दिसंबर महीने में भी इसका हमला दिखाई दिया। इसकी छोटी सुंडी पत्तों को खाती है और बड़ी सुंडी बालियों पर हमला करती है। इसका हमला ज्यादातर रात के समय होता है और इसके हमले का पता इसकी मींगणों और सुंडियों के द्वारा लगता है। हमला होने की स्थिति में 400 मि.ली. एकालक्स 25 ई सी को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ पर स्प्रे करें। सूरज छिपने के बाद की गई स्प्रे का बढ़िया परिणाम मिलता है। जिन खेतों में पराली ज्यादा हो वहां कीटनाशक स्प्रे करने के बाद ही पानी लगाएं।

तने की गुलाबी सुंडी—आमतौर पर यह धान का कीट है पर पिछले कई समय से गेहूं पर भी इसका हमला दिखाई देता है। गेहूं के अलावा यह गन्ना और मक्की में भी दिखता है। आमतौर पर इसका हमला 40—50 दिन की गेहूं पर दिखता है।
इसकी सुंडियां छोटे पौधों पर तनों में छेद करके अंदर चली जाती हैं और अंदरूनी मादा खाती हैं, जिससे पौधा पीला पड़ जाता है और अंत में मर जाता है। फसल की बालियां निकलने के समय इसका हमला होने की स्थिति में बालियां सफेद रंग की हो जाती हैं, जिनमें या तो दाने बनते ही नहीं, और यदि दाने बनें भी तो बहुत बारीक बनते हैं। जनवरी महीने में तापमान कम होने के कारण इस सुंडी का विकास कम हो जाता है और इसकी रोकथाम के लिए 800 मि.ली. एकालक्स 25 ई सी (क्विनलफॉस) को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ पर स्प्रे करें। यदि हमला कहीं कहीं पर हो तो एकालक्स 25 ई सी(क्विनलफॉस) को 8 मि.ली. प्रति लीटर पानी के हिसाब से प्रभावित जगह पर स्प्रे करें।

किसानों को चाहिए कि वे लगातार खेत का सर्वेक्षण करते रहें और कीड़ों का हमला होने पर ही कीटनाशक की स्प्रे करें। इससे उनके समय और पैसे दोनों की ही बचत होगी।

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