खाद

जानिए कैसे बढ़ाती है रूडी की खाद मिट्टी की गुणवत्ता

जैविक खाद: जैविक खाद फसलों को खुराक देती है, मिट्टी के जैविक मादे को बढ़ाती है, सूक्ष्म जीव जंतुओं में वृद्धि करती है और ज़मीन द्वारा नमी को संभालने में सहायक करती है। एक प्राचीन कहावत के अनुसार जैविक खाद के बिना खेत इस तरह है जैसे बछड़े के बिना गाय। जैविक खाद का फसलों पर असर खाद के स्रोत, उसके गलने सड़ने की स्थिति और प्रयोग की मात्रा पर निर्भर करता है।

रूडी की खाद: रूडी की खाद पशुओं के गोबर और मूत्र के साथ साथ पशुओं द्वारा खाये हुए चारे का मिश्रण होता है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत तक फसलों के उत्पादन के लिए यह खुराकी तत्व का एक मात्र स्रोत था। यह मिट्टी को जैविक मादा प्रदान करती है जोकि मिट्टी की सेहत और उसकी उत्पादन समर्था का सूचक है। आज भी यह भारत में सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली जैविक खाद है। रूडी खाद की गुणवत्ता, पशु खुराक, पशुओं के नीचे बिछाया हुआ और रूडी के भंड़ारण की विधि पर निर्भर करती है। एक अच्छी तरह रूडी की गली सड़ी खाद में औसतन 0.5 प्रतिशत नाइट्रोजन, 0.2 प्रतिशत फास्फोरस और 0.5 प्रतिशत पोटाश होती है। पर यह तत्व अधिक भी हो सकते हैं।

भेड़ और बकरियों की खाद में लगभग 3.0 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.0 प्रतिशत फास्फोरस और 2.0 प्रतिशत पोटाश होती है और पोल्ट्री की खाद में लगभग 3 प्रतिशत नाइट्रोजन, 2.6 प्रतिशत फास्फोरस और 1.4 प्रतिशत पोटाश होती है।

रूडी की खाद का एक प्रतिशत भाग मूत्र, आमतौर पर पशुओं के नीचे बिछाये गए भूसे की कमी के कारण इकट्ठा नहीं किया जाता, जिसमें लगभग 1.0 प्रतिशत नाइट्रोजन और 1.35 प्रतिशत पोटाश होती है। गर्मी, हवा और बारिश से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए रूडी को खेत में डालने के तुरंत बाद ज़मीन में मिला देना चाहिए।

तैयार करने का ढंग: अच्छी तरह गली सड़ी रूडी की खाद तैयार करने के लिए इसकी लंबाई 1.5 से 2.0 मीटर चौड़ाई और 1.0 मीटर गहराई के 2 या अधिक गड्ढे बनाएं। मूत्र सोखी हुई मिट्टी/भूसा, चारे का अवशेष और गोबर को इकट्ठा करें और इसे गड्ढे के एक तरफ से शुरू होकर भरते जाएं। यदि मूत्र को पशुओं की नीचे बिछाये हुए में इकट्ठा ना किया जा सके तो इसे पके सीमेंट के गड्ढे में पशुओं के धोने के साथ इकट्ठा करके रूडी की खाद वाले गड्ढे में डाला जा सकता है। जब गड्ढा ज़मीन से 45 से 60 सेंटीमीटर की उचाई पर भर जाए तो इसे के तरफ से नीचा कर मिट्टी और गोबर के मिश्रण के साथ लेप दें। लगभग 4 से 5 महीनें में खाद अच्छी तरह तैयार हो जाती है।

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