जानिये विभिन्न प्रकार के जैविक खादों के बारे में और विभिन्न फसलों में उनके उपयोग

जैविक खादें क्या हैं ?

जैविक खादें जीवाणु खाद होती है। खाद में मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु वायुमंडल में पहले से मौजूद नाइट्रोजन को पकड़कर फसल को उपलब्ध करवाते हैं और मिट्टी में मौजूद अघुलनशील फासफोरस को पानी में घुलनशील बनाकर पौधों को देते हैं।
आज हम आपसे शेयर करने जा रहे हैं विभिन्न-विभिन्न जैविक खादों के बारे में जिनका उपयोग दलहनी फसलों , अनाज वाली फसलों और तेल वाली फसलों में किया जाता है।

राइज़ोबियम टीका

• राइज़ोबयम जीवाणु सभी दलहनी फसलों एवं मूंगफली की जड़ों में ग्रथियां बनाता है।

• राइज़ोबियम टीका प्रत्येक दलहनी फसल के लिए विशिष्ट होता है अत: चना, मसूर, मटर, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग, उड़द, लोबिया, बरसीम, लूसर्न एवं ढैंचा आदि के लिए सिफारिश टीके का ही प्रयोग करें।

• राइज़ोबियम के प्रयोग से 15-29 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर रासायनिक नाइट्रोजन की बचत होती है।

एज़ोटोबैक्टर टीका

• एज़ोटोबैक्टर जीवाणु स्वतंत्र जीव होते हैं और अनाज वाली फसलों जैसे गेहूं, धान, मक्का, जौ, सब्जियां जैसे टमाटर, आलू और तेल वाली फसलों जैसे सरसों की फसल के लिए सिफारिश किया गया है।

• एज़ोटोबैक्टर 20 किलोग्राम नाइट्रोजन की बचत में सहायक है।

• एज़ोटोबैक्टर फाइटोहारमोनज़ का उत्पादन करता है जो कि अच्छे अंकुरण और पौधों की जड़ों के विकास में सहायक होता है।
एजोस्पिरिलम टीका ।

• एजोस्पिरिलम जीवाणु गैर-दलहनी फसलों जैसे ज्वार, मक्का, रागी, तथा अन्य मिल्लेट्स के लिए सिफारिश किया गया है।

• एजोस्पिरिलम के प्रयोग से मिल्लेट्स के दानो एवं चारे की उपज में वृद्धि होती है।

• एजोस्पिरिलम के प्रयोग से 15-20 किलोगाम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर की बचत होती है।

फासफोरस को घुलनशील बनाने वाली जैविक खाद

• प्रभावशाली फास्फोरस घोलक जीवाणु विभिन्न फसलों जैसे गेहूं, धान, लोबिया, मसूर, आलू चना आदि के लिए सिफारिश किया गया है।

• PSB द्वारा उपचार करने से मिट्टी में उपलब्ध अघुलनशील फासफोरस की उपलब्धता में सुधार होता है।

• PSB के प्रयोग से फास्फेटिक खाद जैसे सुपर फास्फेट की उपज क्षमता में वृद्धि होती है।

बीज उपचारिक करने का तरीका

• 200 ग्राम टीका एक एकड़ ज़मीन में बोये जाने वाले बीजों को उपचारित करने के लिए पर्याप्त होता है।

• एक लीटर स्वच्छ पानी में लगभग 100 ग्राम गुड़ या शक्कर डालकर उबाल लें।

• पानी को ठंडा करने के बाद एक पैकेट खोलकर थोड़ा थोड़ा डालें तथा घोल बना लें।

• बीजों को घोल में मिलाकर बोरी के ऊपर डालकर छांव में सूखने दें। सूखने के बाद जल्दी से जल्दी बिजाई कर दें।
सावधानियां।

• खादों को सुर्य की रोशनी और बनावटी रसायन से बचायें।

• उपचारित बीजों को  छांव में ही सुखायें।

• पैकेट को खोलने के बाद पूर्ण पाउडर का उपयोग करें।

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