पशु पालन के व्यवसाय का मुख्य उत्पादन दूध है पशु पालक के लिए सबसे जरूरी बात ध्यान रखने वाली यह है कि अधिक से अधिक दूध लेना तो जरूरी है पर दूध का सेहतमंद और साफ सुथरे वातावरण में पैदा होना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि बीमार पशु या बीमारी से ग्रसित पशु का दूध उपयोग में भी नहीं आ सकता और इसका मुल्य भी सही नहीं मिलता।
दूध निकालने के संबंधित कुछ ध्यान रखने योग्य बातें:
• बीमार पशु को सेहतमंद पशु से अलग करें और बीमार पशु का दूध आखिर में निकालें। उनका दूध भी साफ दूध में ना मिलायें।
• पशु के लेवे के आस पास के बाल काट कर रखें।
• दूध निकालने समय पशु की पूंछ बांध कर रखें।
• दूध निकालने के समय पशु को उकसाना नहीं चाहिए, शांत रखना चाहिए।
• पशुओं को सुबह शाम समय पर चोयें।
• थनों को खींच कर दूध नहीं निकालना चाहिए।
• दूध निकालने के बाद कुछ समय के लिए थनों का मुंह खुला रहता है, जिस कारण लेवे के अंदर कई तरह के कीटाणु चले जाते हैं और लेवे की सोजिश पैदा कर देते हैं।
• दूध निकालने के बाद पशु को दाना और हरा चारा डालें ताकि पशु कुछ समय बैठे ना या टीट डिप का प्रयोग करें।
• दुध को जल्दी और लगातार निकालें।
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