बैंगन फसल की सही विधि करके पूरा साल खेती की जा सकती है। बैंगन से पूरा साल फल प्राप्त करने के लिए नीचे लिखे खेती के ढंग प्रयोग करने चाहिए।
सुरंग खेती: सुरंग खेती बैंगन को कम तापमान और कोहरा से बचाने का बढ़िया और आसान तरीका है। यह फसल अगेती और ज़्यादा उपज देती है, जिससे अच्छी आमदन भी मिलती है। इस फसल के लिए नवंबर के पहले पखवाड़े पनीरी खेत में लगा दी जाती है और सुरंगें बनाने के लिए पौधे 90 सेंटीमीटर चौड़े बेड पर 30 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाए जाते हैं। दिसंबर के पहले सप्ताह लोहे के अर्ध गोलों और प्लास्टिक की माईकरोन मोटी शीट के साथ पौधे ढक दिए जाते हैं। फरवरी के दुसरे पखवाड़े कोहरा कम हो जाने पर यह शीट निकाल दी जाती है।
पनीरी तैयार करना: एक एकड़ की फसल के लिए 300 से 400 ग्राम बीज काफी होता है। कियारी बनाने से पहले 10 क्विंटल गली–सड़ी रूडी मिला लेनी चाहिए और कियारियों को बिजाई से कम से कम 10 दिन पहले पानी दें। यदि ज़मीन बीमारी वाली हो तो इसे 1.5-2.0 प्रतिशत फार्मलीन (15-20 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) के 4-5 लीटर घोल प्रति वर्ग मीटर के साथ अच्छी तरह गीला करें और प्लास्टिक की काली चादर के साथ 48-72 घंटे तक ढककर रखें। इसके बाद मिट्टी को 2-3 दिन पलटी करके धूप लगवाएं ताकि फार्मलीन का असर खत्म हो जाये। पनीरी तैयार करने के लिए 1.5 मीटर चौड़ी और 20 सेंटीमीटर ऊँची कियारियाँ बनाकर उपचार (3 ग्राम कैप्टान प्रति किलो बीज) किये हुए बीज की 1-2 सेंटीमीटर गहराई पर कतारों में 5 सेंटीमीटर के फासले पर बिजाई करें। बीज के अंकुरण के लिए बीज को गीला रखें। उखेड़ा रोग से बचाने के लिए पनीरी के अंकुरण से 5-7 दिन के बाद कैप्टान (4 ग्राम प्रति लीटर पानी) के घोल के साथ गीला करें और सप्ताह के बाद फिर दोहराएं। जब पौधे 3-4 पत्ते निकाल ले तो खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं। पनीरी उखाड़ने से पहले पानी लगाना ज़रूरी होता है।
पनीरी खेत में लगाना: बिजाई से उपरांत लगभग 25-30 दिन में पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाती है। बैंगन की विभिन्न किस्मों को कतारों में 60 सेंटीमीटर और पौधों में 30-45 सेंटीमीटर फासला रखकर लगाने की सिफारिश की गई है, लेकिन यदि खेत में पावर डीलर चलाना हो तो कतारों का फासला सेंटीमीटर कर लेना चाहिए।
खाद: 10 टन रूडी की खाद 55 किलो यूरिया, 155 किलो सुपर फास्फेट और 20 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ ड्रिल करें। पूरी खाद पौधे खेत में लगाने के समय ड्रिल के साथ डालें। 2 तोड़ाई के बाद 55 किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।
मादा और नर लाइनों का बीज पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से लेकर 2:1 अनुपात में खेत लगाया जाता है। शाम के समय मादा फूलों का खसीकरण करके, अगली सुबह नर फूलों का पराग लगाया जाता है। परागन किये फूलों पर टैग डालना ज़रूरी होता है। मादा पौधों से लेकर पके पीले फल तोड़कर बीज निकाल लें। बीज को अच्छी तरह साफ़ करके सूखाने के उपरांत पैक करके स्टोर करें।
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