यदि आप फलदार पौधों की पनीरी तैयार करना चाहते हैं, तो आप निम्न कार्य कर सकते हैं:
बीज के द्वारा — पपीता, फालसा और जामुन का बीज तैयार करने के लिए सबसे बढ़िया तरीका बीज के द्वारा है। बीज से तैयार किए पौधे को बीमारी कम लगती है।
कलमों के द्वारा — अंगूर और अनार की नसली वृद्धि कलमों के द्वारा भी की जाती है। इसलिए 15—20 सैं.मी. लंबी एक वर्ष पुरानी टहनी जो पैंसिल की मोटाई की हो और 3—5 आंख वाली को कलम के तौर पर प्रयोग किया जा सके।
वायु दाब — इस ढंग से लीची के पौधे को तैयार किया जा सकता है। एक वर्ष पुरानी टहनी के सिरे से एक फुट पीछे 2.5 सैं.मी. गोलाई में छाल उतार लें और इसे स्फैगनम घास से ढककर पॉलीथीन में लपेट कर किनारों से कसकर बांध दें। 3—4 सप्ताह बाद कटे हिस्से पर जड़ें निकल आती हैं। इस टहनी को पौधे से अलग करके नर्सरी में लगा दिया जाता है। बारहमासी नींबू के पौधे भी इस विधि के द्वारा तैयार किए जा सकते हैं।
बडिंग
टी—बडिंग — इस विधि के द्वारा किन्नू, नाशपाति, आड़ू और बेर के व्यापारिक पौधे तैयार किए जा सकते हैं और पैंसिल की मोटाई का जड़ भाग प्रयोग किया जा सकता है।
पैच—बडिंग — अमरूद के पौधे इस विधि द्वारा तैयार किए जाते हैं। इस विधि के लिए मुख्य पौधों की शाख पर एक आयताकार छाल का टुकड़ा आंख सहित प्रयोग किया जाता हैं
ग्राफ्टिंग
जीभ ग्राफ्टिंग — इस विधि के द्वारा आड़ू, नाशपाति और आलूचे का पौधा तैयार किया जा सकता है।
साइड ग्राफ्टिंग — व्यापारिक स्तर पर आम के पौधे तैयार करने के लिए यह तरीका बहुत बढ़िया है।
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