जीवाणु खाद क्या है ?
जीवाणु खाद वह खाद है जिसमें सूक्ष्म जीव होते है। जिस से पौधों को पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं। यह जीवाणु हवा के बीच की नाइट्रोजन उपलब्ध करवाने या मिट्टी में अ घुलनशील फासफोर्स को घुलनशील बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा इन सूक्ष्मजीवों की क्रियाओं से कई हार्मोन बनते हैं, जो कि पौधों को बढ़ने फूलने में मदद करते हैं और यह जीवाणु खाद मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है।
सिफारिश की गई जीवाणु खादें:
• राइजोबियम जीवाणु खाद – यह खाद मटर, मूंगी, मांह, अरहर, सोयाबीन, बरसीम और लूसर्न के लिए प्रयोग की जाती है।
• पी.जी.पी.आर और राइजोबियम जीवाणु खाद – यह खाद गर्म ऋतु की मूंगी, चने और मसूर के लिए प्रयोग की जाती है।
• कमशोरशियम जीवाणु खाद- यह खाद मक्की, गन्ना, हल्दी, आलू और प्याज के लिए प्रयोग की जाती है।
• एज़ोराइज़ोबियम जीवाणु खाद – यह खाद धान के लिए प्रयोग की जाती है।
• अज़ो-ऐस जीवाणु खाद – यह खाद गेहूं के लिए प्रयोग की जाती है।
जीवाणु खाद प्रयोग करने के ढंग:
बीज को लगाना (मक्का, गेहूं, गर्म ऋतु मूंग, मांह, चने, मटर, मूंगी, अरहर, सोयाबीन, बरसीम और लूसर्न )): एक एकड़ के लिए सिफारिश जीवाणु खाद के पैकेट को आधा लीटर पानी में घोलें, इसके बाद जीवाणु खाद के घोल और बीजों को एक साफ फर्श पर या तरपाल पर अच्छी तरह से मिलाएं। बीज को छाँव में सूखाकर जल्दी बीज बोयें।
• मिट्टी में लगाना (गन्ना, हल्दी, आलू और प्याज): फसल बोने से पहले, खाद को मिट्टी में मिलाकर क्यारियों में डालें।
• पनीरी को लगाना (धान): एक एकड़ के लिए सिफारिश जीवाणु खाद के पैकेट को दस लीटर पानी में घोल लें और एक एकड़ की पनीरी को 45 मिनट घोल में रखने के बाद फिर बीज बोयें।
जीवाणु खाद का उपयोग करते समय सावधानियां:
• फसल के अनुसार सिफारिश की जीवाणु खाद का प्रयोग करें।
• जीवाणु खाद का लिफाफा (पॉलीथीन) सूरज की रोशनी और गर्मी से दूर ठंडी जगह में रखें और एक्सपोजर के समय ही खोलें।
• जीवाणु खाद समय खत्म होने से पहले प्रयोग करें।
• बीजों को जीवाणु खाद लगाने के बाद सूर्य की रौशनी में ना रखें और जल्दी से बीज की बुवाई कर दें।
सिफारिश की गई जीवाणु खाद पंजाब खेतीबाड़ी युनिवर्सिटी, लुधियाना और कृषि विज्ञान केंद्रों से मिलती हैं।
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