जलवायु परिवर्तन विश्व में खेतीबाड़ी को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उन लोगों को पड़ता है जो हमें भोजन का एक बड़ा हिस्सा प्रदान करते हैं। खेतीबाड़ी के इलावा कोई भी क्षेत्र जलवायु परिवर्तन से अधिक संवेदनषील नहीं है। खाद्य सुरक्षा और आजीविका के लिए किसी भी अन्य क्षेत्र का प्रत्यक्ष रूप से इतना योगदान नहीं है जितना कृषि का है। जलवायु परिवर्तन के लिए किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि को अपनाना चाहिए।
जलवायु अनुकूल कृषि क्या है।
यह कोई नई तकनीक नहीं है, यह उत्पादन प्रणालियों की पहचान करने का एक तरीका है, जो कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है ताकि इन प्रणालियों की मदद से भविष्य में होने वाले जलवायु परिवर्तनो का हमारे पास विकल्प उपलब्ध हो। जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभावों को कम करके और अधिक पेड़ लगाकर ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव को कम करके उत्पादन और आय में लगातार वृद्धि की जा सकती है|
निम्नलिखित बातो को अपनाकर हम जलवायुनुकूल कृषि को वास्तविकता में बदल सकते हैं:
1) किसानों के लिए मौसम और जलवायु पूर्वानुमान।
2) कृषि, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और भूमि मालिकों जैसे कई अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को कृषि के लिए नीतियों और योजना बनाने के लिए मिल कर काम करना चाहिए।
3) जलवायुनुकूल कृषि को अपनाने में सहायता करने के लिए स्थानीय संस्थानों और किसानों की सहायता करना और उन्हें सशक्त बनाने में मदद करना।
4) वित्तीय संसाधनों को एकत्रित करना ता कि एक नए तरीके से कृषि में उपयोग किया जा सके।
5) प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रबंधन जलवायु सम्बंधित आपदाओं की प्रबंधन क्षमताओं को बढ़ाकर।
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