बारिश या मॉनसून के खत्म होने के बाद हवा में नमी की मात्रा बढ़ने के कारण फंगस और बीमारी पैदा करने वाले कीट बहुत ज्यादा फैलते हैं।
ये कीट तने की छाल के छेदों में से होते हुए अंदर चले जाते हैं जिससे पेड़ क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए मई, अक्तूबर और जनवरी महीने में तीन बार देसी गाय के गोबर का तने पर लेप लगा दें। इसके लिए ताजा गोबर लें, उसमें इतना गोमूत्र डालें कि उसकी स्लरी बन जाये। स्लरी बनाकर उसे तने पर लगा दें। जिससे तने की छाल उछलती नहीं है और पेड़ बीमारी से मुक्त हो जाते हैं।
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