तने के नज़दीक सलेटी हरे रंग के और किनारों पर जामुनी रंग के धब्बे विकसित हो जाते हैं। उसके बाद ये धब्बे और बड़े हो जाते हैं और फैल जाते हैं। ये लक्षण आमतौर पर फूल निकलने के समय दिखाई देते हैं। ज्यादा हमले होने पर दानें भी पूरी तरह नहीं भरते। कटाई के बाद प्रभावित फसल, धान के चूरे और ज़ड़ों को जला दें। नाइट्रोजन खाद का अत्याधिक प्रयोग ना करें। मेंढ़ों पर से घास को निकालकर साफ रखें।
नियंत्रण:
एमीस्टार टॉप 325 एस सी या टिल्ट/ बंपर 25 ई सी या फोलीकर/ ओरिस 25 ई सी 200 ग्राम या नेटिवो 75 डब्लयू जी 80 ग्राम या बविस्टिन 50 डब्लयु पी 200 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में दो स्प्रे करें, पहली स्प्रे फसल के पूर्ण विकसित होने पर और दूसरी 15 दिनों के बाद करें।
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