दूध निकालने के बाद लगभग 37 डिगरी सेल्सियस तापमान पर होता है और यदि इसे आम तापमान पर ही स्टोर किया जाये तो जीवाणुओं की गिनती में तेजी से वृि़द्ध होनी शुरू हो जाती है इसलिए दूध को खराब होने से बचाने के लिए दूध को ठंडा किया जाता है। बड़े स्तर पर डेयरी फार्म करने वालों के लिए अलग अलग क्षमता वाले बी.एम.सी उपलब्ध हैं जबकि छोटे स्तर पर किसानों के लिए दूध ठंडा करने के लिए कोई खास मशीन उपलब्ध नहीं है। इसलिए गुरू अंगद देव वैटरनी और एनीमल साइंसिज़ यूनिवर्सिटी लुधियाना की तरफ से छोटे स्तर के किसानों के लिए मिल्क चिल्लर बनाने का फैसला किया गया है।
दूध को कितने तापमान पर ठंडा करना क्यों जरूरी है?
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के अनुसार दूध को हो सके, तो निकालने के तुरंत बाद कम से कम 4 डिगरी सेल्सियस पर लाना जरूरी होता है।
क्या फायदा है इस मशीन का और किस स्तर के किसानों के लिए लाभदायक है?
बिजली से चलने वाली इस मशीन को शाम के दौरान दूध निकालने के बाद दूध को अगली सुबह दूध निकालने तक बिना खराब हुए संभाला जा सकता है। मशीन की विशेष बनतर के कारण यह साफ करने में आसान है और एक जगह से दूसरी जगह तक लेकर जाना भी आसान है। इसकी क्षमता 40 लीटर है। यह उन डेयरी फार्मरों के लिए लाभदायक है। जिनका एक समय का उत्पादन 40-100 लीटर होता है।
कहां से मिलेगी यह मशीन ?
गुरू अंगद देव वैटनरी और एनीमल साइंसिज़ यूनिवर्सिटी लुधियाना की तरफ से चड्डा सेल्ज़ प्राइवेट लि. दिल्ली के साथ मिलकर उपलब्ध करवाने का प्रयत्न किया गया है। मशीन को खरीदने के लिए आप चड्डा सेल्ज़ प्राइवेट लि. दिल्ली से इस नंबर पर 011- -23922290 संपर्क कर सकते हैं।
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