मक्की का छेदक: यह मक्की का बहुत गंभीर कीट है और जून से सितंबर तक फसल को नुकसान पहुचांता है। इस कीट की सुंडियां पहले पौधे के पत्तों को कुरेदती है और गोभ द्वारा तने में सुराख़ कर देती है। गोभ का बीच वाला पत्ता छलनी की तरह हो जाता है और छोटे पौधों की गोभ सूख जाती है।
इस कीट की रोकथाम के लिए नीचे लिखे अनुसार सम्पूर्ण क्रिया अपनाएं:
• मक्की की जड़ों, तनों और गुलियों में छिपे हुए कीट को नष्ट करें। मक्की की कटाई के तुरंत बाद खेत की जोताई करें और जड़ों को इक्ट्ठा करके जला दें।
• गोड़ाई करते समय छेदक के गंभीर हमले वाले पौधों को नष्ट कर दें।
• ट्राईकोग्रामा (मित्र कीट) द्वारा परजीवी क्रिया किये हुए कोरसायरा के 40,000 अंडे प्रति एकड़ के हिसाब से 10 से 15 दिनों की फसल पर प्रयोग करें। यह अंडे गोंद द्वारा ट्राइको-कार्डों के ऊपर चिपकाएं होते है। इन कार्डों को 40 बराबर हिस्सों में इस तरह काटें कि प्रत्येक हिस्से के ऊपर 1000 अंडे हो। इन हिस्सों को गोभ के पत्तों के निचली तरफ शाम के समय खेत में बराबर दूरी पर पिन के साथ लगाएं। इस कार्ड का प्रयोग बारिश के दिनों में ना करें।
• बिजाई से 2-3 हफ्ते बाद या जिस समय पत्तों पर इस कीट का हमला दिखाई दे, नीचे लिखी दवाइयों में से किसी एक दवाई को 60 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ में नैपसैक स्प्रेयर से स्प्रे करें:
सुमीसिडीन 20 ई सी(फैनवैलरेट) 40 मि.ली.
रिपकार्ड 20 ई सी(साइपरमेथ्रिन) 40 मि.ली.
डेसिस 2.8 ई सी(डेल्टामेथ्रिन) 80 मि.ली.
सेविन 50 ई सी(कार्बरील) 100 ग्राम
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