पशुओं की पहचान करने के लिए छोटी उम्र के ही कटड़े/बछड़े के नंबर लगा देने चाहिए ताकि पशु की पूरी हिस्ट्री और रिकॉर्ड रखा जा सके। नंबर लगाने के लिए बाज़ार में कई तरह के टैग आते हैं ज्यादातर प्लास्टिक के टैग लगाए जाते हैं इन्हें इयर टैगिंग भी कह देते हैं। इसलिए सबसे पहले कान को साफ और स्पिरिट से कीटाणु रहित करें और फिर इसमें धातु या प्लास्टिक के टैग लगाए जाते है। टैग लगाते समय कान की बड़ी नाड़ियों को बचाना चाहिए। यह टैग आप डेयरी के सामान वाली दुकान से खरीद सकते हैं।
नंबर लगाने के फायदे
1. पशुओं का हिसाब किताब रखने के लिए सभी रिकॉर्ड को कापी में नोट करने के लिए नंबरों वाले टैग लगाने बहुत ज़रूरी हैं।
2. बीमा करवाने के लिए भी पशुओं के नंबर लगे होने बहुत ज़रूरी हैं।
3. पशुओं के टीका भरवाने के रिकॉर्ड रखना सफल पशु पालक की पहचान है इसलिए यह रिकॉर्ड के लिए नंबर लगाने बहुत ज़रूरी हैं।
4. पशुओं के दूध का हिसाब किताब रखने के लिए यह बहुत ज़रूरी है।
5. यदि ज्यादा पशुओं में से किसी पशु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाना है तो इसके लिए टैग लगाकर नंबर लगाना भी बहुत ज़रूरी है।
आपने इस ब्लॉग में जाना जानवरों में ईअर टैगिंग करने के फायदों के बारे में,
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