पशुओं के ब्याने के 8-12 घंटों के बाद यदि पशु को जेर नहीं पड़ती तो बड़ी समस्या बन सकती है। जेर के ना पड़ने का सबसे बड़ा कारण है कमज़ोरी। सही फीड ना मिलने के कारण कमज़ोर पशु की जेर अटकने की ज्यादा संभावना होती है। इसलिए बच्चेदानी का मुंह बंद होने से पहले पहले जेर का पड़ना बहुत ज़रूरी है। कई बार जेर को बाहर निकालने की कोशिश की जाती है, इस तरह जेर निकालने में कोई हर्ज़ नहीं लेकिन यदि इस तरह जेर निकालने से परहेज़ किया जाए तो अच्छी बात है क्योंकि कई बार ज्यादा जोर से जेर खींचने से जेर के द्वारा कोई बीमारी लगने की मुश्किल आ सकती है।
जेर निकालने के लिए या तो किसी माहिर डॉक्टर की सहायता ली जाए या फिर सफल डेयरी पालकों द्वारा जांचा गया यह तरीका आप प्रयोग करके देख सकते हैं।
क्या है देसी तरीका?
जेर ना पड़ने की स्थिति में या आपको लगे कि जेर का कोई हिस्सा पशु के अंदर रह गया है तो आप 1 किलो सूखे आंवले की गुठलियां निकालकर आंवले को कूटकर पीस लें। उसकी पांच खुराकें बनाएं और हर खुराक 200 ग्राम की हो, इस खुराक को पांच दिन दें। मतलब कि एक खुराक हर रोज़ पशु को दें। इस देसी तरीके से बच्चेदानी के अंदर से बिल्कुल सफाई हो जाएगी।
कृषि और पशुपालन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी खेती एप्प डाउनलोड करें - एंड्राइड, आईफ़ोन