बायोसिक्योरिटी का मतलब है बीमारियां फैलाने वाले कीटाणुओं को पोल्टरी फार्म में आने से और बाहर जाने से रोकना। बायोसिक्योरिटी बीमारी से बचाव के लिए एक बहुत ही पुख्ता तरीका है। बायोसिक्योरिटी को सही ढंग से लागू करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जानवरों से संबंधित
1. फार्म पर लाये गए नए पक्षी बीमारी फैलाने का एक बड़ा कारण हो सकते हैं इसलिए नए लाये गए पक्षियों को अलग शैड में 21 दिनों के लिए निगरानी में रखना चाहिए और उनका खून, बीठों आदि को प्रयोगशाला में जांच करवाना चाहिए।
2. कोई भी पक्षी बाज़ार, मेले से वापिस फार्म पर लेकर आने से पहले 21 दिनों के लिए अलग शैड में निगरानी में रखना चाहिए।
3. जहां तक हो सके, ऑल इन और ऑल आउट वाली पॉलिसी अपनानी चाहिए।
4. चूज़े प्रमाणित हेचरी से ही लेने चाहिए। यह निश्चित बना लें कि चूज़े बीमारी रहित हों और उनका टीकाकरण हुआ हो।
5. नए चूज़े लाने से पहले शैड को अच्छी तरह साफ करके कीटाणु रहित कर लिया जाये और बीठों को फार्म के नज़दीक ना फेंका जाये। फार्म के गंदे पानी का निकास भी ठीक ढंग से किया जाना चाहिए।
6. कुत्ते, चूहे, जंगली जानवर, मक्खियों, और जीव जंतुओं से बचाव के लिए उपाय करने चाहिए।
7. मरे हुए पक्षियों और टूटे हुए अंडों को तुरंत दबा दिया जाये या जला दिया जाये।
8. अलग-अलग उम्र के पक्षियों को अलग-अलग शैड में रखें।
9. पोल्टरी फार्म और दूसरे किस्म के जानवर या पक्षी (जैसे कि बत्तखों, सुअर) ना रखें।
10. बीमार मुर्गियों को तुरंत प्रयोगशाला से जांच करवानी चाहिए।
लोगों से संबंधित
- आम लोगों को जो फार्म में काम नहीं करते, पक्षियों की आवास में जाने से रोकना चाहिए।
2. फार्म में दाखिल होने वाले लोगों के लिए प्रोटैक्टिव कपड़ों (डांगरी आदि) और डिसइन्फैक्शन (फार्म में दाखिले से पहले और बाहर जाने के समय) प्रबंध होना ज़रूरी है।
3. फार्म में काम करने वाले स्टाफ के लिए फार्म के अंदर प्रयोग किए जाने वाले बूट और कपड़े अलग होने चाहिए और इन वस्तुओं को फार्म से बाहर लेकर जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए और इन्हें हमेशा साफ रखना चाहिए।
4. फार्म में काम करने वाले स्टाफ को अन्य किसी फार्म पर काम नहीं करना चाहिए और ना ही घर में पक्षी रखने चाहिए।
5. पैरों की सफाई के लिए फार्म के प्रवेश द्वार पर फुटबाथ होना चाहिए और इसमें कीटाणुनाशक डाला हुआ होना चाहिए, जिसे प्रतिदिन बदला जाये या आप कली बिछा सकते हैं और जो भी आये कली पर पैर रखकर ही फार्म के अंदर आए।
6. फार्म में दाखिले से पहले और फार्म मे से निकलने के बाद हाथ साबुन से या कीटाणुनाशक से धो लेने चाहिए। एक शैड में काम करने वाले मज़दूर को को दूसरी शैड में काम नहीं करना चाहिए।
फार्म के सामान से संबंधित
1. कोई भी गाड़ी फार्म के अंदर नहीं आनी चाहिए, यदि ज्यादा ज़रूरी है तो गाड़ी डिसइन्फैक्ट करने के बाद ही फार्म के अंदर दाखिल होनी चाहिए।
2. कोई भी सामान या औज़ार बिना कीटाणु रहित किए फार्म के अंदर दाखिल नहीं होने चाहिए।
3.दूसरे फार्म का सामान उधार नहीं लेना चाहिए और ना ही अपना सामान देना चाहिए। फार्म के अंदर आने वाले सारे सामान को कीटाणु रहित ज़रूर करें।
4. फार्म के आस-पास पूरी सफाई रखें और फालतू झाड़ियां और घास ना उगने दें।
5. लकड़ी और रेशे वाला सामान जो पूरी तरह कीटाणु रहित नहीं हो सकता, उसे फार्म में प्रयोग नहीं करना चाहिए, उसकी जगह प्लास्टिक के साफ सुथरे सामान का प्रयोग करें।
6. पानी और फीड भी दूषित ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखें और फीड जी.एस.पी. प्रमाणित कंपनी से ही लें।
7. फार्म के बाहर नो एंटरी और बायो सेफ एरिया का बोर्ड लगा हुआ होना चाहिए।
8. पोल्टरी फार्म हाइवे, रिहायशी इलाके और इंडस्ट्रियल एरिया से दूर होना चाहिए।
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