• नर्सरी पौध के उपचार के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडरमा को एक लीटर पानी में घोल बनाकर पौध को घोल में डुबोयें उसके बाद बिजाई या रोपाई करें।
• बीज उपचार के लिए 4 ग्राम ट्राइाकेडरमा प्रति किलो बीज में सूखा मिलाकर बिजाई करें।
• भूमि उपचार के लिए एक किलोग्राम ट्राइकोडरमा को 25 किलो गोबर की खाद में मिलाकर हल्के पानी का छींटा देकर एक सप्ताह तक सुखाने के बाद बिजाई से पहले प्रति एकड़ में प्रयोग करें।
• बहुवर्षीय वृक्षों की जड़ों के चारों ओर गड्ढा खोदकर 100 ग्राम ट्राइकोडरमा पाउडर को मिट्टी में सीधे या गोबर/कंपोस्ट की खाद के साथ मिलाकर डालें।
•ट्राइकोडरमा एक जैविक उत्पाद है लेकिन खुले जख्मों, सांस प्रणाली एवं आंखों के लिए नुकसानदायक है। अत: इसके प्रयोग के समय सावधानियां बरतनी चाहिए। इसके प्रयोग से पहले या बाद में किसी रासायनिक फंगसनाशी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ट्राइकोडरमा की सेल्फ लाइफ एक वर्ष है।
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