यह मिट्टी के बिना पौधे उगाने की तकनीक है। इस तकनीक में पौधा बढ़ता है और इसकी उत्पादकता पानी में मौजूद पौष्टिक स्तर द्वारा नियंत्रित की जाती है। हाइड्रोपोनिक शब्द से भाव है “पानी से संबंधित”। यह एक बहुत ही प्रसिद्ध तकनीक है और इसका आधुनिक खेती में बहुत प्रयोग किया जाता है।
• इस तकनीक में पौधों के अच्छे विकास और पैदावार के लिए पानी में पौष्टिक स्तर को बरकरार रखा जाता है।
• इस तकनीक का प्रबंध करना आसान है और यह ऑटोमैटिकली(स्व: चालित) काम करती है। इसे स्थापित करने के लिए भी ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती।
• इस तकनीक में मुख्यत: सब्जियाँ जैसे कि ब्रोकली, पालक, बंद गोभी और लैटस आदि की खेती की जाती है।
• इस तकनीक के प्रयोग से सब्जियों की पैदावार बढ़ जाती है। साथ ही पानी और पौष्टिक तत्वों का उपयोग भी कम हो जाता है।
• अच्छे परिणाम के लिए इस तकनीक को ग्रीनहाउस तकनीक से जोड़ा जाता है जो किसान ग्रीन हाउस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, वे पीएयू के माहिरों से ग्रीन हाउस हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।
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