दूध चाहे वह भैंस का हो या गाय का, लंबे समय से अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, यह कुदरत के पेय पदार्थों में से एक है जिसमें 35 % पानी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और पोषक तत्व होते हैं। सैंकड़ों वर्षों से दूध का उपयोग त्वचा और बालों के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन और विटामिन निहित होते हैं। दूध में मौजूद तत्व बहुत फायदेमंद होते हैं और ये कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं।
तो आज हम आपसे दूध के कुछ ऐसे रहस्य शेयर करने जा रहे हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे।
• दूध एक संपूर्ण भोजन है जिसमें किसी भी अन्य भोजन की तुलना में स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं।
• दूध उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है जिसका जैविक मुल्य 84 और NPU (net protein utilization) 1 है ।
• मिल्क वे प्रोटीन सल्फर युक्त अमीनो एसिड का एक अच्छा स्त्रोत है और आसाधारण रूप से BCAAs: leucine, isoleucine and valine में समृद्ध है।
• दूध में पाया जान वाला फैट अधिकतम पचनेयोग्य होता है। दूध में कॉन्जुगेटड लिनोलिक एसिड होने के कारण यह शरीर में कैंसर से बचाव करता है , धमनियों को सख्त होने से रोकता है और वसा जमाव नहीं होने देता|
• दूध में लैक्टोस मौजूद होता है और इसका मैटाबोलाइट ग्लैक्टोस मानसिक विकास में मदद करता है और यह लोहे के अवशोषण को भी बढ़ाता है।
• शाकाहारियों के लिए दूध और दूध से बने पदार्थ विटामिन B12 का विशेष स्त्रोत हैं।
• दूध में अधिक मात्रा में उपयोगी कैल्शियम होता है और यह बच्चों के लिए कैल्शियम का मुख्य स्त्रोत है।
• दूध बायोएक्टिव पेप्टाइड्स का भी स्त्रोत है जो पोषण स्वास्थ्य लाभ से भी अधिक प्रदर्शित करता है।
इस तरह हम दूध की पौष्टिक औषधीय के रूप में तुलना कर सकते हैं
इसलिए आप मजबूत हड्डियों, चमकदार त्वचा, लंबे बाल और स्वस्थ शरीर के लिए अपने आहार में दूध के दो गिलास रोजाना लेना शुरू करें।
क्या आप जानते हैं?
संपूर्ण दूध के एक गिलास में 3.25 प्रतिशत फैट के साथ होता है:
• 146 कैलोरी
• 8 ग्राम फैट
• 13 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स
• 8 ग्राम प्रोटीन
यदि संभव हो, तो अच्छे स्वास्थ्य लाभों के लिए अपने आहार में A2 दूध शामिल करें और दूध के उत्पादों जैसे दहीं, मक्खन और घी से परहेज ना करें। मक्खन और घी के आहार में संतुलन बनाकर रखें क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में संतृप्त वसा होती है।
लैक्टोस असिहुष्णता की समस्या से ग्रस्त लोगों को दूध और दूध से बने पदार्थों से परहेज करना चाहिए और इनके स्थान पर प्रोटीन के अन्य स्वस्थ स्त्रोत लेने चाहिए।
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