जानिये इस विषैले पौधे के औषधीय गुणों के बारे में- आक

हमारे आस पास कुछ ऐसे पेड़ पौधे होते हैं जिनके बारे में हम अनजान रहते हैं और कुछ ऐसे पौधे होते हैं जो जहरीले होने के साथ हमारे शरीर को अमृतीय गुण प्रदान करते हैं। पर इनके बारे में अनजान होने के कारण हम इन पौधों से दूर रहते हैं। इसकी प्रकार का पौधा होता है आक का पौधा, जिसे शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है ।

क्या है आक — आक के पौधे को मंदार, आक या पारद अकौआ के नाम से जाना जाता है। इसकी ऊंचाई 8—10 फीट तक होती है जो गर्म और शुष्क ज़मीन पर उगता है। इसके पत्ते हरे और मोटे आयताकार होते हैं जो करीब चार इंच लंबे और 2 इंच चौड़े होते हैं। इसके फूल गंधहीन, फल 2—3 इंच लंबे और मुड़े हुए और बीज महीन रेशम के समान गुच्छेदार रूई युक्त छोटे और चपटे होते हैं।
इसकी डालियों और पत्तों को तोड़ने पर दूध निकलता है जिसका आंखों में पड़ना घातक होता है।

आक के अन्य नाम — आक को अंग्रेजी में Crown flower कहा जाता है और इसका बोटेनीकल नाम है Calotropis gigantea।

इसे आर्क, आकड़ा,अकुआ मदार, अकवन, अक्क आदि नामों से भी जाना जाता है।

इसकी कई उपप्रजातियां होती हैं जिनके फूल सफेद, नीले, हल्के जामुनी या सफेद मिश्रित जामुनी होते हैं।

आज हम आपको आक के पौधे के कुछ ऐसे औषधीय गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आपको हैरानी होगी। आइये जानें विषैला पौधा होने के बावजूद आक के औषधीय गुणों के बारे में :

• अस्थमा — इसके फूलों को सुखाकर रोजाना इसका चूर्ण खाने से अस्थमा, फेफड़ों के रोग और शरीर की कमज़ोरी दूर होती है।

• खुजली — त्वचा में एलर्जी या रूखेपन के कारण खुजली की समस्या हो जाती है। इससे छुटकारा पानी के लिए इसकी जड़ को जला लें। इसकी राख को कड़वे तेल में मिलाकर खुजली वाली जगहों पर लगाएं। खुजली की परेशानी दूर हो जाएगी।

• डायबिटीज़ — रोजाना सुबह इस पौधे की पत्तियों को पैर के नीचे रखकर जुराबें डाल लें। रात को सोने से पहले पत्तियों को निकाल दें। इसके नियमित इस्तेमाल से शूगर कंटरोल करने में मदद मिलती है।

• कुष्ठ रोग — इसकी पत्तियों को पीसकर सरसों के तेल में मिक्स करें। इसे कुष्ठ रोग के घाव पर लगाए। इसे नियमित रूप से लगाने पर घाव जल्दी भर जाएंगे।

• कांटा लग जाने पर — हाथों या शरीर पर कांटा लग जाने पर काफी दर्द होता है और इसे निकालना भी मुश्किल होता है। इसके लिए आप आक के दूध को उस जगह पर लगाएं जहां पर कांटा लगा हुआ हो। थोड़ी देर बार कांटा बाहर निकलते हुए दिखाई देने लगेगा।

• आंखों का दर्द — आंखों में होने वाली तकलीफ के समय इसके दूध को पांव के अंगूठे पर लगाकर मालिश करने से आंखों का दर्द दूर हो जाता है।

• झड़ते बाल — इससे निकलने वाले दूध को यदि झड़ते बालों में लगाया जाए तो उस स्थान पर बाल आ जाते हैं।

• चलती गाड़ी में उलटी आना — अगर किसी को चलती गाड़ी में उलटी आती हो, उसे जिस तरफ की श्वास ज्यादा चल रही हो, उस पैर के नीचे इसके पत्ते रखने चाहिए। इससे यात्रा में कोई तकलीफ नहीं होगी।

नोट — औषधीय उपयोग में केवल सफेद आक का ही उपयोग करना चाहिए।
नीली प्रजातियां अधिक विषैली होती हैं और उनका उपयोग खाने में नहीं किया जाता, केवल बाहरी उपयोग ही किया जाता है।
आक के पौधे का उपयोग करते समय सावधानी बरतें क्योंकि यह काफी जहरीला होता है और इसका उपयोग करते समय अपनी आंखों को इससे दूर रखें।

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