शिमला मिर्च को कई वर्षों तक लगातार उगाने से कई प्रकार के कीटों और बीमारियों का प्रकोप बढ जाता हैं। जिसमें चेपा, सफेद मक्खी, फल की सूंडी, तम्बाकू की सूंडी, फल सडन आदि प्रमुख हैं।
कीटों को रोकने के लिए जैविक तरीके:
पॉलीथीन शीट: भूमि को कीटों एवं बीमारियों से बचाने के लिए अक्तूबर के महीने में क्यारियों को तीन हफ्तों तक भूमि तापीकरण के लिए पॉलीथीन शीट से ढक कर रखा जाना चाहिये।
नीम अर्क: रस चूसने वाले कीटों के लिए नीम अर्क घोल का छिडकाव करें। यह छिडकाव दो तीन बार 15 -20 दिनों के अन्तारल पर किया जाना चाहिये। इससे रस चूसने वाले कीटों में बहुत कमी आती है।
नीम की निंबौली: नीम की निंबौली का प्रयोग करें उसके लिए आप 5 किलोग्राम निंबौली को अच्छी तरह पीस लें फिर बारीक कपडे में पोटली बनाकर रातभर 10 लीटर पानी में भिगो दें। सुबह पोटली को दबा-दबाकर दूधिया रस निकाल कर उसमें एक किलोग्राम सस्ता साबुन मिलाकर 100 लीटर घोल तैयार करें। इसका प्रयोग रस चूसने वाले कीट जैसे कि सफेद मक्खी, चेपा आदि के प्रकोप को कम करने लिए किया जाता है।
कृषि और पशुपालन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी खेती एप्प डाउनलोड करें - एंड्राइड, आईफ़ोन