जानें आलू की खेती और आलू की नई किस्मों के बारे में

आलू की खेती, किस्मों, बिजाई का समय और बीज का उपचार आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

आलू की अगेती किस्में

  • Kufri surya (2000): यह किस्म 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 100-125 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Chandramukhi (1968): यह अगेती किस्म लगभग 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Ashoka (1996) : इस किस्म 75-80 दिनों में तैयार हो जाते हैं। इसकी औसतन पैदावार 110 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Pukhraj (1998) : इससे तकरीबन 70 दिनों में किस्म के समान पैदावार ली जा सकती है। इसकी औसतन पैदावार 130 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

दरमियाने समय की किस्में

  • Kufri Pushkar (1968): यह मध्यम समय की किस्म है और 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 160-170 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Jyoti (1968): यह किस्म पकने के लिए 90 से 110 दिन लेती है और इसकी औसतन पैदावार 80-120 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Bahar (1980): यह किस्म 100-110 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 125 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

पिछेती किस्में

  • Kufri Sandhuri (1967): यह पिछेती किस्म है, जो कि 110-120 में तैयार हो जाती है।
  • Kufri Badshah (1979): यह किस्म 100 से 110 दिनों में पुटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 130 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Chipsona (1998): इस किस्म की औसतन पैदावार 170-180 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
  • Kufri Chipsona-3 (2006) : इसकी औसतन पैदावार 165-175 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त किस्म है।
  • Kufri Frysona (2010) : यह किस्म मध्यम समय (90-100 दिन) में तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 160-170 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

बिजाई का समय : मैदानी इलाकों में बिजाई का सबसे उपयुक्त समय पतझड़ फसल के लिए आखिरी सितंबर से मध्य अक्तूबर और बसंत ऋतु के लिए जनवरी का पहला पखवाड़ा है।

बीज की मात्रा : पतझड़ ऋतु की फसल के लिए 40-50 ग्राम भार के आलू 12-18 क्विंटल प्रति एकड़ में प्रयोग करने चाहिए।

बीज आलू का उपचार : आलू के धफड़ी रोग की रोकथाम के लिए मोनसरन 2.5 मि.ली. को प्रति लीटर पानी में मिलाकर गोदाम से निकालने के उपरांत 10 मिनटों के लिए डुबोकर उपचार करें। सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि ये अच्छी तरह से सूख जायें, इस प्रक्रिया के लिए ब्लोअर का प्रयोग करें

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