डेंगू से बचाव के लिए आसान घरेलू नुस्खे

आज कल डेंगू बुखार बहुत ज्यादा फैल रहा है जिसके कारण लाखों लोग बीमार पड़ रहे हैं। इस समय यह रोग भयानक रूप से फैलता हुआ दिखाई दे रहा है। डेंगू दुनिया भर में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरल रोग है जो कि संक्रमित मादा “एडिज” मच्छर के काटने से फैलता है। एक अकेला संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू से ग्रसित कर सकता है।

डेंगू के लक्षण

• तेज बुखार होना
• मांस पेशियों एवं जोड़ों में तेज दर्द
• सिर दर्द
• आंखों के पीछे दर्द
• जी मिचलाना
• त्वचार पर लाल रंग के दाने
• उल्टी, दस्त आदि।
मरीज की स्थिति गंभीर होने पर प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होती है और नाक, मुंह से रक्त बहना शुरू हो जाता है। रक्त चाप भी काफी कम हो जाता है।

डेंगू से बचाव

• यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो उन्हें ढककर रखें और यदि जरूरत ना हो तो उन्हें खाली कर के या उल्टा कर के रख दें।
• ऐसे कपड़े पहने जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें।
• घर में एवं घर के आस-पास पानी इकट्ठा ना होने दें।
• साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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डेंगू से बचने के प्राकृतिक तरीके

• घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने से मच्छरों से बचाव होता है।
• नीम की सूखी पत्तियों एवं कपूर की घर में धूणी करने से मच्छर मर जाते हैं।
• नीम, तुलसी, गिलोय, पपीते की पत्तियों का रस, आंवला का रस डेंगू से बचाव में बहुत उपयोगी हैं। इनसे शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है तथा डेंगू के वायरस से मुकाबला करने की ताकत आती है।
• याद रखें डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है सिर्फ लाक्षणिक इलाज ही किया जाता है। बुखार कैसा भी हो इन दिनों में यदि जल्दी आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और मच्छों से बचाव एवं शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ायें। यही डेंगू से बचने का सर्वोत्तम उपाय है।

डेंगू से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचार

मेथी के पत्ते : मेथी के पत्ते बुखार को कम करने के लिए जाने जाते हैं और दर्द को कम करने और अधिक आरामदायक नींद को बढ़ावा देने के लिए एजेंट के रूप में कार्य करते हैं।

नीम के पत्ते : नीम के पत्तों को आमतौर पर विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। नीम के अर्क को पीने के कारण प्लेटलेट्स और सफेद रक्त कोशिकाओं दोनों की संख्या में वृद्धि होती है। अच्छी तरह से पीसे हुए नीम के पत्ते प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करते हैं।

संतरे का रस : संतरे के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी का मिश्रण डेंगू बुखार के माध्यमिक लक्षणों के इलाज और वायरस को नष्ट करने के लिए आदर्श माना जाता है। संतरे का रस प्रतिरक्षा प्रणाली के एंटीबॉडी को बढ़ावा देने में मदद करता है और ज़हरीले पदार्थों को बाहर निकालता है।

पानी : डेंगू के दो आम लक्षण सिरदर्द और मांसपेशियों की ऐंठन जो निर्जलीकरण के कारण ओर अधिक बढ़ जाती है। इसलिए शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए जितना संभव हो, उतना पानी पीना चाहिए। इसके अलावा पानी शरीर से अधिक विषाक्त तत्वों को दूर करने में मदद करता है। डेंगू के बुखार में ताकत और बुखार से जल्दी उभरने के लिए नारियल पानी भी काफी पिया जाता है।

तुलसी : तुलसी में प्राकृतिक कीटनाशक गुण होते हैं। तुलसी के पत्तों और 2 ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना भी बहुत फायदेमंद होता है। डेंगू में यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है।

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