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पशुओं का कृत्रिम गर्भधान (AI) करवाने के समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान

आज के समय में बहुत सारे डेयरी फार्मर या किसानों को यह समस्या आ रही है कि पशुओं में टीका भरवाने के बाद भी पशु का गर्भ नहीं ठहरता। इसके बहुत सारे कारण हैं जिनमें बहुत सारी बातों का ध्यान डेयरी फार्मरों को खुद भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और जो भी वैटनरी डॉक्टर के तौर पर ध्यान रखते हैं उन्हें कुछ बातों की तरफ ध्यान देने की जरूरत है ताकि (AI) को सफल बनाया जा सके। टीका भरवाने से पहले टीके के ऊपर लिखी हुई सांड की क्षमता का पता होना बहुत जरूरी है क्योंकि पशु के दूध देने की क्षमता पशु की विरासत पर बहुत निर्भर करती है। लेवे की क्षमता और सांड की क्षमता को जोड़कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाली पीढ़ी किस तरह की होगी।

पशु का गाभिन होना उम्र से ज्यादा भार पर निर्भर करता है इसलिए टीका भरवाने से पहले देसी/जर्सी नसल की गाय का शारीरिक भार कम से कम 225-250 किलो, एच एफ/दोगली गाय का शारीरिक भार 250-275 किलो और भैंस का शारीरिक भार 300 किलो होना चाहिए। यदि भार कम हो तो पशु को टीका भरवाने पर भी गर्भ नहीं ठहरता।

टीका भरवाने से पहले तारों के साफ होने की तसल्ली कर लेनी चाहिए। यदि तारें मैली हों या उसमें छिद्दियां हों तो टीका नहीं भरवाना चाहिए और एक अच्छे योग्य डॉक्टर से उस पशु की बच्चेदानी में दवाई भरवानी चाहिए।

कई बार कुछ पशुपालक हीट में आये पशु को एक समय पर दो कृत्रिम टीके लगाते हैं। यह बिल्कुल गलत है। दोगली और विदेशी गायों को 12-24 घंटे के फासले पर दूसरा टीका लगाना चाहिए और जिन पशुओं का हीट बहुत लंबा हो उन्हें वैटनरी डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही कृत्रिम टीका लगवायें।

एक बार पानी में पिघलाने के बाद कृत्रिम टीका हमेशा 10-15 मिनट में लग जाना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि टीका पिघलाने से पहले पशु को शिकंजे में काबू कर लिया जाये क्योंकि टीका पिघलाने के बाद उसे कभी भी दोबारा तरल नाइट्रोजन में स्टोर नहीं किया जा सकता।

कई बार यदि तरल वीर्य का टीका यूनिवर्सिटी से लेकर आना पड़े तो इस टीके का थरमस में बर्फ डालकर बड़े ध्यान से बचा कर ले जाना चाहिए और टीके को ज्यादा हिलाना नहीं चाहिए। यह टीका फ्रिज में बर्फ जमने वाले स्थान को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर 2-3 दिन स्टोर किया जा सकता है ताकि टीका सही समय पर लग सके। टीका भरवाने की तिथि को अपने रजिस्टर में दर्ज करने के बाद पशु को 21 दिनों के बाद ध्यान से देखें। यदि पशु हीट के लक्षण नहीं दिखाता तो 50 फीसदी उम्मीद है कि पशु ठहर गया है। पशु के गाभिन होने की पूरी तसल्ली एक माहिर वैटनरी डॉक्टर से टीका भरवाने के 2 महीने बाद करवायें। किसी के भी कहने पर पशु को दो महीने से पहले चैक ना करवायें क्योंकि दो महीने से पहले बच्चा बहुत छोटा होता है और बच्चे के आस पास पानी भी ज्यादा नहीं होता। बाकी यदि इस समय पर चैक करने वाले डॉक्टर के हाथ लगने के कारण नए विकसित हो रहे बच्चे को नुक्स पड़ सकता है।

बाकी यदि सब बातों का ध्यान रखने के बाद भी यदि गर्भ नहीं ठहरता तो आप बच्चेदानी को चैक करवायें कहीं कोई बच्चेदानी में गांठ या बच्चेदानी में इन्फैक्शन भी हो सकती है।

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