pregnant cow

पशुओं को बांझपन की समस्या से बचाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

बांझपन के कई कारण हैं और वे जटिल हो सकते हैं। बांझपन या गर्भ धारण के कारण बच्चे को जन्म देने में असफलता, मादा में कुपोषण, संक्रमण, जन्मजात दोष, प्रबंधन में कमी और अंडाणुओं या हॉरमोन्स के असंतुलन होने के कारण हो सकती हैं।

बांझपन से बचने के तरीके —

•प्रजनन हीट के दौरान किया जाना चाहिए।

•जो पशु हीट नहीं दिखाते हैं या जिन्हें चक्र नहीं आ रहा उनकी जांच करके इलाज किया जाना चाहिए।

•कीड़ों से प्रभावित होने से 6 महीने में एक बार पशुओं की डीवॉर्मिंग से उनकी सेहत को ठीक रखा जा सकता है। सबसे ज्यादा डीवॉर्मिंग में एक छोटे निवेश से, डेयरी उत्पाद प्राप्त करने में ज्यादा लाभ लिया जा सकता है।

•पशुओं को ऊर्जा के साथ प्रोटीन, खनिज और विटामिन की सप्लाई करने वाली एक अच्छी संतुलित खुराक दी जानी चाहिए। यह गर्भ धारण की दर में वृद्धि करती है, सेहतमंद गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव निश्चित करता है, संक्रमण की संभावना को कम और एक सेहतमंद बछड़ा पैदा करने में मदद करता है।

•अच्छे पोषण के साथ युवा बछड़ी की देखभाल और उन्हें 230—250 किलोग्राम उचित शारीरिक भार के साथ सही समय में यौवन प्राप्त करने में मदद करता है, जो प्रजनन और इस तरह के बेहतर गर्भ धारण के लिए उपयुक्त होता है।

•गर्भावस्था के दौरान हरे चारे की जरूरी मात्रा देने से नवजात बछड़ों को अंधेपन से बचाया जा सकता है और जन्म के बाद भी इसे कायम रखा जा सकता है।

•बछड़े के जन्मजात दोष और संक्रमण से बचाव के लिए जिस सांड से प्रजनन करवाते हैं उसका रिकॉर्ड होना ज़रूरी है।

•सेहतमंद स्थितियों में गायों की सेवा करने और बछड़े पैदा करने से बच्चेदानी संक्रमण से बचा जा सकता है।

•गर्भ धारण के 60—90 दिनों के बाद गर्भावस्था की पुष्टि के लिए जानवरों की जांच माहिर पशुओं के डॉक्टर से करवानी चाहिए।

•जब गर्भ धारण होता है, तो गाय हीट के लक्षण नहीं दिखाती। गाय के लिए ब्यांत का समय लगभग 285 दिनों की होता है और भैंस के लिए 300 दिनों का होता है।

•गर्भावस्था के अंतिम चक्र के दौरान अनुचित तनाव और परिवहन से परहेज़ किया जाना चाहिए।

•गाभिन पशु को बेहतर खान—पान का प्रबंधन और प्रसव देखभाल के लिए झुंड से दूर रखना चाहिए।

•गाभिन पशुाओं के प्रसव से दो महीने पहले पूरी तरह से दूध निकाल लेना चाहिए और उन्हें भरपूर पोषण देना चाहिए और कसरत करवानी चाहिए। इसके साथ मां की सेहत में सुधार करने में मदद मिलती है ,औसतन भार के साथ एक सेहतमंद बछड़े का जन्म होता है, बीमारियों में कमी होती है और यौन चक्र जल्दी आता है।

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