फलदार पौधों के लिए सिंचाई प्रबंध
फलदार पौधों में से ज्यादा झाड़ और अच्छी गुणवत्ता लेने के लिए समय पर सिंचाई करना बहुत आवश्यक है। जैसे मनुष्य की जिंदगी में पानी की बहुत एहमियत है वैसे ही पौधों में भी है। पौधे पानी के माध्यम से ही मिट्टी में से खुराकी तत्व लेकर अपना जीवन काल पूरा करते हैं।
निम्बू-जाती:
मौसम, बारिश और मिट्टी की किस्म के अनुसार छोटे पौधों को तीन-चार साल तक हर हफ्ते और पुराने पौधों को दो-तीन हफ्तों में एक बार पानी देना चाहिए। किन्नू के बागों में टपका सिंचाई की सुविधा से ज्यादा झाड़ और अच्छी गुणवत्ता ली जा सकती है।
अमरूद:
नए बागों को गर्मियों में हर हफ्ते और सर्दियों में सिर्फ दो-तीन बार सिंचाई की ही आवश्यकता पड़ती है। फूल या फल लगने के समय गर्मियों में पंद्रह दिनों के बाद और सर्दियों में एक महीने के अंतराल पर पानी देना चाहिए।
आम:
छोटे पौधों को खुश्क और गर्मी के मौसम में पानी की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। परन्तु बड़े पौधे जिनकी जड़ें गहरी होती हैं, उनको फल लगने के समय मार्च से अंतिम जून महीने में 10-12 दिनों के अंतराल पर पानी देने की आवश्यकता पड़ती है।
लीची:
फल लगने के समय पर पौधों को ज्यादा पानी की आवश्यकता पड़ती है। इनको हफ्ते में दो बार पानी देने से फल अच्छी तरह से बढ़ते हैं और फटने की समस्या भी कम हो जाती है। बरसातों में मौसम और जमीन की नमी के अनुसार पौधों को पानी देना चाहिए।
आड़ू:
फल पकने से एक महीने पहले का समय सिंचाई के लिए सब से नाजुक होता है। इस समय फलों की बढ़ोतरी के समय पौधों की सिंचाई की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। फल लगने से उनके पकने तक तीन-चार दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। किस्म के अनुसार अंतिम अप्रैल से लेकर जुलाई की शुरुआत तक सिंचाई की ज्यादा जरुरत पड़ती है। अगेती पकने वाली किस्में खुरमाणी और शरबती को मई से अंत-जून तक ज्यादा पानी की जरुरत पड़ती है।
अंगूर:
मई के हर हफ्ते और जून के ३-४ दिनों के अंतराल पर पानी देना चाहिए। जुलाई-अगस्त महीने में बरसात न होने पर जरुरत पड़ने पर सिंचाई की जानी चाहिए।
केला:
केले के बाग़ को पानी की बहुत आवश्यकता पड़ती है। पानी की कमी के कारण पौधे का हरापन और फल का आकार और गुणवत्ता कम हो जाती है। जरुरत से ज्यादा पानी से पौधे की जड़ें टूट जाती हैं। पौध लगाने के बाद मार्च-अप्रैल में एक हफ्ते के अंतराल पर और मई-जून में चार-छे दिनों के अंतराल पर पानी देना चाहिए। जुलाई-सितंबर में मौसम और जमीन में नमी अनुसार पौधों को हफ्ते के अंतराल पर पानी देना चाहिए।
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