यह बासमती की फसल में फंगस के कारण होने वाला रोग है, जिससे प्रभावित पौधे पीले हो जाते हैं और नीचे से ऊपर की तरफ सूखने शुरू हो जाते हैं। प्रभावित पौधे आम पौधों से ऊंचे होते हैं और ज़मीन के ऊपरी हिस्से से जड़ें बना लेते हैं। इस बीमारी से तने के बाहरी पत्तों पर सफेद या गुलाबी फंगस दिखाई देती है।
इसकी रोकथाम के लिए:
• रोग रहित बीजों का प्रयोग करें।
• बीज और पनीरी का बिजाई से पहले उपचार करें। पनीरी खेत में लगाने से पहले जड़ों को बाविस्टिन 50 डब्लयु पी (0.2 प्रतिशत) के घोल में 6 घंटे के लिए डुबोयें और फिर ट्राइकोडरमा हरजीएनम 15 ग्राम प्रति लीटर पानी में 6 घंटे के लिए डुबोयें।
• प्रभावित पौधों को उखाड़ दें।
• बीमारी रहित बीज पैदा करने के लिए बीज रखने वाली फसल पर टिल्ट 25 ई सी 200 मि.ली. को 200 लीटर पानी में मिलाकर फसल खिलने के समय स्प्रे करें।
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