नए ब्याने वाले जानवरों को 6-12 घंटों में जेर में पड़ जानी चाहिए। यह समस्या आमतौर पर अधिक दुधारू पशुओं में आती है। इसके कई कारण हैं। यदि आपके जानवर को भी जेर नहीं पड़ती है, तो इन देसी नुस्खों को आज़माएं।
1. नई ब्याई भैंस/ गाय को उसी की बाउली पिला दें, इससे ज़ेर जल्दी पड़ेगी क्योंकि बाउली में दूध के मुकाबले कई गुणा ज्यादा खुराकी तत्व होते हैं। ऊर्जा का स्त्रोत होने के साथ-साथ इस में कैलशियम भी भरपूर मात्रा में होता है जो कि बच्चेदाने के संकुचित होने के लिए और ज़ेर बाहर निकालने के लिए सहायक होता है। कुदरत सिर्फ इसे नये जन्में बच्चे के लिए ही पैदा करती है, इसे 1-2 घंटों के अंदर अंदर कटड़े बछड़े को जरूर पिलायें।
2. ब्याने के उपरांत पशु को गुड़, सौंफ, अजवायन, सोए, मेथी, सुंड मिलाकर काढ़ा पिलायें। यह बच्चेदानी के संकुचित होने में भी सहायक होता है, इससे ज़ेर जल्दी पड़ती है।
3. ज़ेर ना पड़ने की सूरत में आटा, गुड़, सौंफ, इलायची और जीरा आदि को पशु की खुराक में मिलाकर खिला दिया जाता है क्योंकि आटा और गुड़ ऊर्जा प्रदान करते हैं जो कि ब्याने के बाद सुस्त हुए पशु के लिए बहुत जरूरी है। सौंफ पाचन प्रणाली को दुरूस्त रखती है।
4. ज़ेर ना पड़ने की सूरत में पशु को पीपल के पत्ते खिला दें क्योंकि पीपल के पत्तों में रेशा होता है जो पशु का पेट भरने में सहायक होता है जिससे बच्चेदानी पर दबाव पड़ता है और ज़ेर जल्दी पड़ सकती है।
5. सरसों का तेल, नमक और अजवायन को मिलाकर पशु की गर्दन से पूंछ की तरफ ज़ोर-ज़ोर से मालिश तब तक करें, जब तक पशु के शरीर में से ताप ना निकलने लग जाये। इससे भी ज़ेर जल्दी पड़ेगी।
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