किसी भी फसल के बीजों का उपचार बहुत ज़रूरी होता है। बीजों के उपचार के लिए कई तरह के रसायन मिलते हैं पर जैविक तरीके से भी हम बीजों का उपचार कर सकते हैं। बीजों का जैविक तरीके से उपचार करने के लिए कई तरीके हैं उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।
1. 10 लीटर पानी में 2 किलो नमक घोलें और उसमें एक अंडा या आलू फेंककर चैक करें कि यह डूबता है या नहीं। यदि अंडा/आलू तैरता है तो नमक मिलाना बंद कर दें। बीज को बोने से पहले इस नमकीन पानी में डुबोकर अच्छे बीज छांट लें। बीजों को 20 लीटर बीज अमृत में 12 घंटों के लिए डुबो दें। फिर इन बीजों को छांव में सुखा लें। फिर ये बीज बोने के लिए तैयार हैं।
2. 750 मि.ली. दूध को 2.5 लीटर पानी में मिलाकर एक बर्तन में रखें। बीज को एक सूती कपड़े में बांध लें और 6 घंटों के लिए इस दूध और पानी वाले घोल में डुबोकर रखें।
3. 500 मि.ली. गऊ मूत्र को 2.5 लीटर पानी में मिलायें बीज को इस घोल में आधे घंटे के लिए डुबोकर रखें। फिर ये बीज बोने के लिए तैयार हैं।
4. ट्राइकोडर्मा 250 ग्राम को 2 लीटर गुड़ वाले पानी में मिलाकर एक खुले बर्तन में रखें। अब बीज को इसमें मिलायें और फिर बीज बोने के लिए तैयार हैं।
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