गेहूं घास ऐसा तोहफा है जो कई तरह की बीमारियों के से लड़ने में हमारी मदद करता है। यह कई तरह के खनिज और विटामिन का भंडार है। इसे आप दो तरीकों से प्रयोग कर सकते हैं इसे चबा कर खा सकते हैं या इसका रस पी सकते है। यह कई बीमारियों का इलाज भी है और कई बीमारियों को होने से भी रोकता है।
उगाने का तरीका:
गेहूं घास को आप एक व्यक्ति के लिए नीचे लिखे ढंग से उगा सकते हैं।
• 1 फुट लंबे और 4 इंच गहरे 7 गमले या कंटेनर लें और हर गमले या कंटेनर के लिए 100 ग्राम गेहूं के दाने लें।
• गेहूं को आप 12 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें।
• इसके बाद इन दानों को मोटे गीले सूती कपड़े में बांधकर 12—14 घंटों के लिए अंकुरित होने दें।
• इन अंकुरित हुए दानों को गमले या कंटेनर जो कि मिट्टी से भरे हों उनमें बिछा दें।
• इन दानों को आप क्यारी में भी उगा सकते है। और दानों को इस तरह बोयें कि दाने एक दूसरे से स्पर्श करते हों।
• इसके बाद बोये हुए दानों पर गली सड़ी रूड़ी की खाद या वर्मी कंपोस्ट की पतली तह बिछा दें और इन्हें ढक दें।
• 24 घंटों के बाद जब गेहूं उगना शुरू कर देती है तो मौसम के अनुसार पानी का हल्का हल्का छींटा देते रहें। ज्यादा पानी ना लगाएं। शाम के समय पानी लगाना बढ़िया रहता है।
• एक क्यारी या गमले को आप 7 दिनों के लिए कई बार तैयार कर सकते हैं।
• सातवें दिन आप पहली क्यारी या गमले में 4—5 इंच की गेहूं हो जाए तो कैंची की सहायता से काट लें।
• काटी हुई गेहूं का आप मिक्सर ग्राइंडर में पीसकर इसका रस निकालकर मलमल के कपड़े में डालकर छान लें।
मात्रा:
गेहूं घास के ताजे रस का ही सेवन करें। इसके अच्छे परिणामों के लिए इसका सुबह के समय खाली पेट सेवन करें। आम बीमारी की स्थिति में गेहूं घास की मात्रा 100 ग्राम या 100 मि.ली. रस का रोजाना सेवन करें। जिस व्यक्ति को गंभीर बीमारी है वह गेहूं घास की मात्रा 25—50 मि.ली. रोजाना सेवन करना चाहिए और इस मात्रा को 200—250 मि.ली. तक कर देनी चाहिए। यदि बीमारी ठीक हो जाए तब भी 50 मि.ली. प्रतिदिन लेते रहना चाहिए।
फायदे:
• गेहूं घास में हरा मादा और कई प्रकार के रोग निरोधक और पोष्टिक तत्व होते हैं|
• यह दिल और खून संचार की कई बीमारियां इसके अलावा सांस प्रणाली, पाचन प्रणाली, दांत और मसूड़े, जोड़ों के दर्द, दिमाग और त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है।
• गेहूं घास का रस कैंसर जैसे भयानक रोगों को भी ठीक करने में मदद करता है।
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