• इस महीने में गर्मी बढ़ जाती है और कुछ इलाकों में ज़ोरदार बारिश के साथ-साथ धूल – मिट्टी वाली तेज अंधेरी भी देखने को मिलती है।
• इस महीने में पशुओं को गर्मी से संबंधित बीमारियां प्रभावित करती हैं जैसे कि बुखार, डीहाइड्रेशन, शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाना, भूख में कमी और पैदावार का कम हो जाना आदि।
• पशुओं को गर्मी और दोपहर के समय चलने वाली गर्म हवा या लू से बचाकर रखना चाहिए।
• चारा स्टोर करने या खरीदने के समय उचित प्रयत्न करें ताकि चारे की कमी ना आए।
• खुराक में नमक और पानी अच्छी मात्रा में मिलायें, ताकि पशुओं के शरीर में नमक की कमी ना आए।
• मौसम के अनुसार फीड की सामग्री बदलनी चाहिए। इस महीने फीड में गेहूं के चूरे और ज्वार की मात्रा बढ़ा दें।
• डेयरी वाले पशुओं को संतुलित खुराक दें ताकि वे अच्छी मात्रा में दूध देते रहें।
• पशुओं की डीवॉर्मिंग ज़रूर करवायें।
• इस महीने मक्की, सदाबहार घास और अन्य चारे वाली प्रजातियों की कटाई कर लेनी चाहिए।
• इस महीने में भेड़ों की ऊन उतार लेनी चाहिए।
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