यदि इस नस्ल से करेंगे सुअर पालन का व्यवसाय तो हो सकती है बड़ी आमदन

अपनी खेती से जुड़े बहुत सारे किसानों के पिछले दिनों सवाल आ रहे हैं कि सुअर पालन का व्यवसाय कितने मुनाफे वाला सिद्ध हो सकता है या सुअर पालन के संबंधित जानकारी शेयर करने के लिए कहा जाता है। इसलिए आज बात करेंगे कि सफल सुअर पालकों की तरफ से सबसे ज्यादा कौन सी नस्ल रखी जाती है जो आसानी से बेची जा सके या फिर उसके प्रोडक्ट जैसे आचार वगैरह आदि बनाकर बेचे जा सकें। सबसे ज्यादा रखी जाने वाली नस्ल है “लार्ज वाईट यॉर्कशायर”

इस नस्ल की सही पहचान

यह जन्मजात इंग्लैंड की नस्ल है। इस नस्ल का मुंह थोड़ा लंबा होता है। शरीर बढ़िया और सफेद बालों से भरा होता है। इस नस्ल के कान खड़े हुए और नाक मध्यम लंबाई की होती है। त्वचा भी झुर्रियों रहित होती है। बालग सुअर का भार 300-400 किलो और बालग सुअरी का भार 230-320 किलो होता है।

कैसे इस नस्ल से होता है ज्यादा मुनाफा ?

ये बड़े भी जल्दी हो जाते हैं और मीट भी ज्यादा मात्रा में पैदा करते हैं। सफल सुअर पालक दलजिंदर सिंह गिल के तज़ुर्बे के अनुसार, एक सुअरी एक वर्ष में दो से ढाई बार बच्चे देती है। पहले ब्यांत में 6-7 बच्चे देती है और दूसरे ब्यांत में 10-14 बच्चे देती है। यदि आप सुअर मीट के लिए तैयार कर रहे हैं तो एक सुअर 7-8 महीनों में लगभग 1 क्विंटल का जाता है और 100 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है और गाभिन सुअरी 150-200 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जा सकती है। सुअरों की मार्किटिंग की भी कोई दिक्कत नहीं क्योंकि व्यापारी खुद फार्म से आकर सुअर ले जाते हैं।

किस तरह लगातार आती है इनकम ?

मान लो, आज सुअरी गाभिन करवायी उसके 115 दिनों के बाद बच्चे दे देती है। फिर 1 महीना बच्चों को दूध पिलाना है और उसके बाद उन्हें अलग किया जाता है। जब सुअरी के बच्चे अलग किए फिर 5-7 दिनों के बाद फिर दोबारा गाभिन हो जाती है सुअरी। इस तरह यह सर्कल दोबारा चलता रहता है। यहां बात ध्यान रखने वाली है कि यह सर्कल तब ही सही चलेगा यदि फीड सही डालते रहेंगे। यदि हमने फीड सही ना डाली और 2 महीने तक दूध पिलाते रहे और बच्चों को अलग ना किया तो सर्कल खराब हो जायेगा। इसलिए फीड पर खर्चा तो ज्यादा आता है लेकिन मुनाफा पूरा मिल जाता है।

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