• हरी खाद ना सिर्फ नाइट्रोजन और कार्बनिक पदार्थों का स्त्रोत है। बल्कि इसमें सूक्ष्म तत्व भी मौजूद होते हैं।
• हरी खाद के प्रयोग से मिट्टी नर्म और भुरभरी होती है एवं मिट्टी की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है।
• हरी खाद के प्रयोग से मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या एवं मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है।
• हरी खाद के प्रयोग से मिट्टी में पैदा होने वाली बीमारियों में भी कमी आती है।
• यह खरपतवारों की वृद्धि रोकने में भी मदद करती है।
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