हिमाचल प्रदेश हिमालय की गोद में बसा हुआ एक सुंदर प्रदेश है| यहाँ की जलवायु परिस्थितियों में विविधता है क्योंकि औसत समुद्र तल से 450 मीटर की ऊचाई से लेकर 6500 मीटर की ऊचाई तक अथवा पश्चिम से पूर्व व दक्षिण से उत्तर तक यहाँ भिन्नता है। ऊचाई और जलवायु की विवधताओं के कारण यह राज्य विभिन्न प्रकार के पौधों एवं जानवरों के रहने के लिए अनुकूल है|
हिमाचल प्रदेश औषधीय एवं अन्य उपयोगी पौधों का एक समृद्ध भंडार है| इन पौधों में से अधिकांश पोधे पारंपरिक दवाओं, लोक उपयोग और आधुनिक उद्योगों में इस्तिमाल किए जाते है| हिमाचल प्रदेश में पाए गए कुछ विशेष पौधे जैसे की शतावरी, आर्किड का पेड़, दारुहल्दी, अदरक, धतूरा, आवला , कुमुद के फूल, पीली चमेली, अखरोट, बॉक्स मर्टल, रोडोडेंड्रोन, तुलसी, जंगली हिमालयी चेरी और जंगली अनार हैं। रोडोडेंड्रोन इनमे सबसे अधिक पाया जाता है।
इसका वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन अर्बोरियम है और इसे कुछ समय पूर्व नेपाल के राष्ट्रीय फूल का दर्जा भी प्रदान किया गया है। रोडोडेंड्रॉन आर्बोरियम कुल एरीकेसी के अंतर्गत आता है| हिमाचल प्रदेश में यह आमतौर पर बुरांस, ब्रास, बुरस या बाराह के फूल के नाम से जाना जाता है।
यह व्यापक रूप से हिमालयी क्षेत्रों में 1200 और 4000 मीटर की ऊंचाई के बीच वितरित है| हिमाचल प्रदेश में यह चंबा, कांगड़ा,कुल्लू ,शिमला ,मंडी , किन्नौर और सिरमोर में अधिक पाया जाता हैं|
यह भूटान चीन नेपाल और पाकिस्तान में भी व्यापक रूप से वितरित है| यह अपने फूलों के संसाधित रस के लिए प्रसिद्ध है जो कि रोडोजूस या बुरांश शर्बत के रूप में बाजार की बहौत अधिक लोकप्रियता प्राप्त कर चूका हैं| अपने सौंदर्य से आकर्षित करने वाले इसके फूल अपने धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं , इन फूलो को पवित्र माना जाता है और मंदिरों में पूजा के दौरान इनका अर्पण होता है।
रोडोडेंड्रॉन आर्बोरियम का फूलवानस्पतिक विवरण
रोडोडेंड्रन का पौधा एक झाड़ी या छोटा पेड़ है जोकि ऊचाई में लगभग 5 मीटर का होता है। इसके तने में अनेक शाखाएं हैं जिनकी टहनिया चिकनी , पाले से ओढी हुई एक भुर भुरी परत से ढकी हुई प्रतीत होती है| इसकी पत्तियो की रचना सरल और एकांत प्रकार के पर्ण विन्यास वाली होती है।
इन पत्तियों का आकर आयताकार एवं अण्डाकार के बीच होता है औरआधार पर यह गोलाकार होती है। पत्तिया अधिकतर शाखाओं के छोर की ओर सघन रहती है अथवा उनका डंठल जब विकास के प्रारंभिक चरण में होता है तो वह पपड़ीदार परत से ढका हुआ रहता है।
इसके पुष्प असीमाक्षी प्रकार के पुष्पक्रम में व्यस्थित होते है| फूलो के युवा भाग जैसे पेडिसेल और काल्लिक्स चिपचिपी मोमी ग्रंथियों से ढके हुए होते है| इसके पुष्प का काल्लिक्स 5-पालक होता है , कोरोला नलिकाकार, कैम्पैन्यूलेट आकर का होता है जिसमे 4 सेंटी मीटर लम्बी नाली होती है। इसके फलकई आकार के होते है जैसे बेलनाकार, सीधे और घुमावदार|
इन फलो का रंग शुरुवात में हरा होता है जो बाद में भूरा होजाता है। इसकेफूलो का रंग गहरा लाल या फीका गुलाबी होता है जो मार्च-अप्रैल व जून-सितंबर के महीने से आना शुरू होजाते है| सामान्यतः औषधीय और व्यावसायिक क्षेत्रो में इन फूलों की अधिक उपयोगिता है।
व्यावसायिक उपयोग
पहाड़ी क्षेत्रों में स्क्वाश,जैम , जेली और काढ़ा तैयार करने में रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम के फूल का उपयोग किया जाता है। रोडोडेंड्रन का जूस क्षुधावर्धक होने के साथएक बहुत ही स्वादिष्ट एवं सुखद पेय है जो शरीर को ताज़गी देता हैऔर यात्रा संबंधी मतली को भी दूर करता है। इसके फूल की ताज़ी पंखुड़ियाँ एक स्वादिष्ट चटनी जिसको “बरह की चटनी” कहते है को तैयार करने के लिए उपयोग में ली जाती है। इसके पेड़ की लकड़ी कोयला और ईंधन के रूप में उपयोग होती है। इसके फूलों और पत्तियों का घरों एवं मंदिरो की सजावट में उपयोग किया जाता है।
रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम के फूल से स्क्वाश बनाना
औषधीय उपयोग
1.इसके फूलो में उच्च जीवाणुरोधी गुणवक्त है।
2.रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम के सूखे फूल दस्त , पेचिश रोग की रोगधाम में अत्यधिक प्रभावशाली है।
3.ताज़ी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से सर दर्द , ज्वर चला जाता है अथवा इसकी सूखी पत्तिया गठिया और जोड़ो के रोगो के लिए भी बहोत लाभकारी है।
4.इसके पेड़ की छाल का उपयोग पीलिया, बवासीर, यकृत विकार और पेट के कीड़े के उपचार में किया जाता है।
5.इसका सेवन कर्क रोग , चर्म रोग, सूजन एवं गुर्दे के विकारो के लिए अतियंत उपयोगी है।
6.यह उच्च रक्त चाप और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
7.इसके फूलों में कई ऑक्सीकरण रोधी रसायन पाए जाते है जो हमारे हृदय की रक्षा करते है और दिल का दौरे जैसे अन्य विकारो के खतरे को काम करते है साथ ही हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को भी बढ़ती है।
8.रोडोडेंड्रोन के फूले में पाए जाने वाले क्वेरसेटिन और रूटीन दो मुख्य रसायन है जो की हृदय रोगो में सबसे ज़्यादा लाभकारी होते है।
9.नवीनतम अध्ययनों से रोडोडेंड्रोन के फूलों की मधुमेह विरोधी क्षमता की पुष्टि हो चुकी है।
रोडोडेंड्रोन की खाद्य उत्पाद क्षमता
पिछले कुछ वर्षों के दौरान रोडोडेंड्रोन स्क्वैश अपने जैव पूर्वेक्षण क्षमता के कारण काफी प्रसिद्धि प्राप्त कर चूका है। कई गैर सरकारी एवं सरकारी संगठन आर्थिक और सामाजिक लाभों के लिए रोडोडेंड्रोन की जैव पूर्वेक्षण क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग कर रहे हैं ताकि मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार किए जा सके जैसे रस, सॉस, स्क्वैश, जैम आदि।
निष्कर्ष
रोडोडेंड्रोन अरबोरियम व्यावसायिक एवं औषधीय उद्देश्य से महत्वपूर्ण है| हिमालय क्षेत्र के अधिकांश औषधीय पौधों की प्रजाति पर अभी तक कोई वैज्ञानिक अनुसंधानो नहीं हुआ है अतः वैज्ञानिक रूप से उनकी चिकित्सीय क्षमता प्रमाणित करना महत्वपूर्ण है।
हिमालयी क्षेत्र के इन जंगली खाने योग्य पौधे को बागवानी फसल के रूप में पदोन्नत किया जाना चाहिए। ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के बीच उनके उच्च पोषण एवं औषधीय मूल्यों के बारे में जागरूकता पैदा करना अति आवश्यकता है।
लेखक
रीतू, वैज्ञानिक, फसल सुधार विभाग,
महर्षि तोमर, वैज्ञानिक, बीज तकनीकी विभाग
भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसन्धान संस्थान झाँसी-284003
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