क्या है इसबगोल?
इसबगोल को अंग्रेजी में सिलीअम हस्क कहते हैं इसबगोल वास्तव में प्लांटागो ओवाटा नामक पौधे का बीज होता है। इसकी पत्तियां बिल्कुल एलोवेरा की तरह होती हैं। इसके पौधे में गेहूं की तरह बड़े बड़े फूल होते हैं जिसमें इसबगोल का बीज पाया जाात है। इसबगोल का आयुर्वेद में भी महत्तवपूर्ण स्थान है। यह अपने लैक्सटिव, कूलिंग और डाइयूरेटिक गुणों के कारण जाना जाता है।
कैसे करता है काम?
इसबगोल में कुदरती तौर पर एक चिपचिपा पदार्थ पाया जाता है। इसे पानी में डुबोने के बाद यह फूल जाता है और एक जेल का निर्माण करता है। यह जेल स्वादहीन और गंधहीन होता है।अपने लैक्सटिव गुण के कारण यह आंत को साफ करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह आंत में मौजूद बैक्टीरिया और दूसरे हानिकारक टॉक्सिन को भी सोख लेता है। साथ ही यह आंत की परत पर चिकनाहट भी लाता है।
इसबगोल की तासीर — इसबगोल की तासीर ठंडी होती हें यह शरीर में अधिक गर्मी की वजह से हुए रोगों को ठीक करने में मदद करता है। जैसे कब्ज और आंत के रोग।
इसबगोल खाने का सही समय — रोज़ रात को सोने से पहले इसबगोल को गर्म पानी में मिलाएं और इस मिश्रण को पियें।
मात्रा — व्यस्कों के लिए 7 से 10 ग्राम या 4 से 6 चम्मच के बराबर इसबगोल दिन में एक से तीन बार पानी या अन्य किसी जूस के साथ लेना चाहिए। सेवन से पहले इसे पूरी रात पानी में फुला लें।
इसबगोल के फायदे:
इसबगोल के कुछ ऐसे फायदे भी हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे। आइए जानें इसबगोल के अद्भुत फायदों के बारे में:
भार कम करने में सहायक — अक्सर पेट यानि आपकी आंतों में मौजूद वेस्टेज की वजह से शरीर में फैट बढ़ने लगता है, जब तक आपका पेट साफ नहीं होगा तब तक आप स्वस्थ नहीं रह सकते। पेट साफ ना होना वजन बढ़ने का कारण बनता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका भार नियंत्रित रहे तो रात को सोते समय कुछ दिनों तक इसबगोल का सेवन कर सकते हैं। फाइबर युक्त इसबगोल के सेवन से भार कम करने में मदद मिलती है।
डायरिया से रखे दूर — क्या आप इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि किसी एक होम रेमेडीज से आपका कब्ज और डायरिया ठीक हो जाए, तो ऐसा हो सकता है। इसबगोल के सेवन से इन दोनों समस्याओं में आराम मिल सकता है। इसबगोल को दही के साथ खाने से पेट संबंधी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
शूगर रोग में लाभकारी — इसबगोल फाइबर से समृद्ध है। अधिक फाइबर युक्त आहार शूगर रोग के मरोज़ में रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है। इसबगोल में एक प्राकृतिक पदार्थ भी मौजूद होता है। जिसे जिलेटन कहते हैं। जिलेटिन शरीर में गुलूकोज़ के टूटने और अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा करता है। जिससे शूगर नियंत्रण में रहती है।
सूखी खांसी से दिलाए राहत — इसबगोल को चीनी के साथ लेना सूखी खांसी के लिए एक अच्छा प्राकृतिक उपचार है। इसबगोल की भूसी की पुडिंग गले में खराश और सूखी खांसी को कम करने के लिए अधिक फायदेमंद है।
नोट — इसबगोल का अत्याधिक सेवन कभी ना करें साथ ही इसका सेवन हमेशा पानी में भिगोकर ही करें।
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