आलू के मुख्य कीट बीमारियां और उनकी रोकथाम

आलू विश्व की एक महत्तवपूर्ण सब्जियों वाली फसल है। यह एक सस्ती और आर्थिक फसल है, जिस कारण इसे गरीब आदमी का मित्र कहा जाता है। यह फसल दक्षिणी अमरीका की है और इस में कार्बोहाइड्रेट और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आलू लगभग सभी राज्यों में उगाए जाते हैं। यह फसल सब्जी के लिए और चिपस बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह फसल स्टार्च और शराब बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। भारत में ज्यादातर उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, पंजाब, कर्नाटका, आसाम और मध्य प्रदेश में आलू उगाए जाते हैं। पंजाब में जालंधर, होशियारपुर, लुधियाणा और पटियाला मुख्य आलू पैदा करने वाले क्षेत्र हैं।

आलू के अच्छे उत्पादन के लिए प्रत्येक को आलू की फसल पर होने वाली हानिकारक बीमारियों और कीटों और उनके नियंत्रण के बारे में जानकारी होनी चाहिए। तो यहां कीटों और बीमारियों और उनकी रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई हैI

• हानिकारक कीट और रोकथाम

चेपा : यह कीट पौधों का रस चूसते हैं और पौधे को कमज़ोर बनाते हैं। गंभीर हमले से पौधे के पत्ते मुड़ जाते हैं और पत्तों का आकार बदल जाता है। यदि चेपे या तेले का हमला दिखे तो इमीडाक्लोप्रिड 50 मि.ली. या थायामैथोक्सम 40 ग्राम प्रति एकड़ 150 लीटर पानी की स्प्रे करें।

aphid hn

कुतरा सुंडी : यह सुंडी पौधे को अंकुरन के समय काटकर नुकसान पहुंचाती इसके नुकसान को कम करने के लिए रूड़ी की खाद का प्रयोग करें। यदि इसका हमला दिखे तो क्लोरपाइरीफॉस 20 प्रतिशत ई सी 2.5 मि.ली. को प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें। पौधों पर फोरेट 10 जी 4 किलो प्रति एकड़ डालें और मिट्टी से ढक दें।

cutworm hn

लाल भुंडी : यह सुंडी और कीड़ा पत्ते खाकर फसल का नुकसान करती है। इनके हमले के शुरूआती समय में इनके अंडे इक्ट्ठे करके खेत से दूर नष्ट कर दें। इसकी रोकथाम के लिए कार्बरिल 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।

epilanchna beetle hn

सफेद सुंडी : यह कीड़ा मिट्टी में रहता है और जड़ों, तनों और आलुओं को खाता है। इससे प्रभावित पौधे सूखे हुए दिखाई देते हैं और आलुओं में सुराख हो जाते हैं। इसे रोकने के लिए बिजाई के समय कार्बोफिउरॉन 3 जी 12 किलो या थिमट 10 जी 7 किलो प्रति एकड़ डालें।

white grub hn

आलू का कीड़ा : यह कीड़ा खेत और स्टोर में पड़े आलुओं पर हमला करता हैं यह आलुओं में छेद करके इसका गुद्दा खाता है। यदि हमला दिखे तो कार्बरिल 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।

potato tuber moth hn

• बीमारीयां और रोकथाम
अगेता झुलस रोग : इससे नीचे के पत्तों पर धब्बे पड़ जाते हैं। यह बीमारी मिट्टी में स्थित फंगस के कारण आती है।
यदि हमला दिखे तो मैनकोजेब 30 ग्राम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 30 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 45 दिनों के बाद 10 दिनों के फासले पर 2-3 बार स्प्रे करें।

ealry blight hn

आलुओं पर काले धब्बे : इस बीमारी से आलुओं पर काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं और पौधे सूखते दिखाई देते हैं।
बिजाई के लिए बीमारी मुक्त बीज प्रयोग करें।

black scurf hn

पिछेता झुलस रोग : प्रभावित पत्तों पर बेढंगे आकार के धब्बे दिखते हैं और धब्बों के आस पास सफेद पाउडर बन जाता है।
बिजाई के लिए सेहतमंद और बीमारी मुक्त बीज प्रयोग करें। यदि हमला दिखे तो प्रॉपीनेब 40 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी की स्प्रे करें।

late blight hn

आलुओं पर काली परत : प्रभावित आलुओं पर हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। बीमारी रहित बीजों का प्रयोग करें। बिजाई से पहले बीजों को एमीसन 6 के 0.25 प्रतिशत (2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी) घोल से 5 मिनट के लिए उपचार करें।

common scab hn

नर्म होकर गलना : इस बीमारी से पौधे के नीचे के हिस्से का रंग काला और प्रभावित आलुओं का रंग भूरा हो जाता है और पौधा कांस्य रंग का नज़र आता है। बिजाई के लिए सेहतमंद और बीमारी रहित बीज का प्रयोग करें। बिजाई से पहले बीजों को बोरिक एसिड 3 प्रतिशत ( 300 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी) से 30 मिनट के लिए उपचार करें और छांव में सुखाएं।

bacterial soft rot hn

चितकबरा रोग : इससे पत्ते पीले हो जाते हैं और पौधे का विकास रूक जाता है। आलुओं का आकार और गिणती कम हो जाती है। इसकी रोकथाम के लिए मैटासिसटोक्स या रोगोर 300 मि.ली. को प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

mosaic hn

 

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