काले और चमकीले रंग वाले कड़कनाथ मुर्गे का असली सच
पिछले कुछ समय से कड़कनाथ नसल का मुर्गा चर्चा का विषय बना हुआ है। बहुत सारे लोग मुर्गे की इस नसल को पाल रहे हैं पर बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जिन्हें यह भी नहीं पता कि यह कड़कनाथ नाम की नसल क्या बला है। कड़कनाथ मध्य प्रदेश की नसल है। इस नसल की मलकीयत के लिए छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में केस चलता रहा पर मध्य प्रदेश केस जीत गया जिस कारण यह अब मध्य प्रदेश की प्योर नसल है। बहुत सारे लोग कहते हैं कि इसका खून भी काला होता है और अंडे भी काले होते हैं। पर यह सच नहीं है। इसकी त्वचा काली चमकीली होती है, कलगी भी काली होती है और इसकी चोंच और जीभ भी काले रंग की होती है। अंडे देसी अंडों की तरह होते हैं। और खून लाल से थोड़ा गहरा लाल होता है। कुछ लोगों का कहना है कि इसे मीट के लिए साफ करना मुश्किल है और कोई आसानी से नहीं काट सकता और बाल उतारने के लिए इसे जीवित ही उबलते पानी में फेंकना पड़ता है। पर इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। इसके अंडे में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है और फैट बिल्कुल कम होती है। शूगर के मरीज़ों के लिए भी यह फायदेमंद है। इसके चिकन का 800 रूपये किलो तक रेट है और छोटे बच्चे यदि मध्य प्रदेश से मंगवाते हैं तो एक 90—100 रूपये प्रति बच्चा आपको मिलेगा। इसका अंडा 45—50 रूपये प्रति अंडा सेल हो जाता है। 3 महीने तक एक बच्चे के पालन पर खर्चा 150 रूपये होता है और जब चूज़े बड़े हो जाते हैं तो 1500 रूपये आमदन हो जाती है। इसे फीड नॉर्मल ब्रॉयलर वाली दे सकते हैं तो इसके साथ पालक भी खिला सकते हैं जिसमें आयरन होता है जो इसके लिए फायदेमंद होता है।
क्या है कॉन्ट्रेक्ट कंपनियों का सच
मध्य प्रदेश में बहुत सारे कड़कनाथ मुर्गे के फार्म हैं और इसलिए बहुत सारी कंपनियां कॉन्ट्रेक्ट करती हैं और अब ये कंपनियां पंजाब की तरफ भी अपना काम बढ़ा रही हैं। सबसे पहले सोचने वाली बात यह है कि यदि ये कंपनियां हमें 35 रूपये का अंडा दे रही हैं तो हमसे 50 रूपये प्रति अंडा कैसे खरीदेंगी। इसलिए बच्चे खरीदे से पहले पूरी जानकारी खरीदें क्योंकि कई लोगों के साथ यह धोखा हो रहा है कि कई फार्म वाले काली देसी ब्रॉयलर मुर्गी लेकर उससे कड़कनाथ का क्रॉस करवा लेते हैं। जिसका पता दो महीने के बाद लगता है जब बच्चों की कलगी आ जाती है। क्रॉस नसल के बच्चों की कलगी लाल होती है वे प्योर कड़कनाथ नहीं होते। इसलिए यह ज़रूर चैक कर लें।
मंडीकरण
बड़े स्तर पर अभी तक इसकी मार्किटिंग नहीं है क्योंकि काले मीट को खाना लोग कम ही पसंद करते हैं। पर छोटे स्तर पर कुछ फार्म वाले मध्यप्रदेश से बच्चे और अंडे मंगवाकर सोशल मीडिया की मदद से मुनाफा कमा रहे हैं पर धीरे धीरे इसकी मार्किटिंग पंजाब में शुरू हो रही है। यदि आप पिछले लंबे समय से पोल्टरी फार्म चला रहे हैं और आपके आस पास आपके लिंक लोगों के साथ बढ़िया है तो आप इस व्यवसाय में कामयाब हो सकते हैं।
कृषि और पशुपालन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी खेती एप्प डाउनलोड करें - एंड्राइड, आईफ़ोन