आमतौर पर कई बार ब्याने के 2 महीने बाद पेशाब में खून आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर यह गायों में आती है। इसके कई कारण हो सकते हैं और यह खतरनाक भी हो सकता है पर यदि पशु पालक स्वंय पशु की तरफ थोड़ा ध्यान दे तो बड़े नुकसान से बचाव भी हो सकता है। कई बार यह समस्या जब ज्यादा आ जाती है। तो नज़दीक के वैटनरी डॉक्टर की मदद लेनी पड़ जाती है और पशु के बोतलें भी लगानी पड़ जाती है।
ऐसी हालातों में क्या किया जाये?
सबसे पहले पेशाब का रंग देखें। यदि पेशाब कॉफी रंग का आ रहा है तो तुरंत वैटनरी डॉक्टर की सलाह ही ली जाये पर यदि पेशाब लाल रंग (टमाटर के रंग जैसा) का आ रहा है तो पशु को फासफोरस और आयरन की कमी है जिस कारण पशु के लाल प्लेटलेट्स बाहर निकल रहे होते हैं। थोड़े समय के लिए इसकी रोकथाम के लिए आप यूरीमिन का टीका लगवा सकते हैं। इससे यह बीमारी थोड़े समय के लिए कंटरोल हो जायेगी। पर इसके पक्के इलाज के लिए आप एक देसी नुस्खा अपना सकते हैं जिस दौरान एक मुट्ठी धनिया, मुट्ठी से ज्यादा खुला हाथ लाल मिट्टी में 250 ग्राम भैंस का दूध में मिलाकर तीन दिन तक 24 घंटों के फासले पर इतनी-इतनी मात्रा में डालते रहें। यदि गाय को यह समस्या है तो भैंस का दूध प्रयोग करें और यदि भैंस बीमार है तो गाय के दूध का प्रयोग करें। इस तरीके से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
कृषि और पशुपालन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी खेती एप्प डाउनलोड करें - एंड्राइड, आईफ़ोन