भारत में सुअर पालन को एक निम्न स्तर के काम के तौर पर जाना जाता है पर बहुत से विकसित देशों में यह वहां के किसानों का एक मुख्य व्यवसाय है। इसी चीज़ को देखते हुए बहुत सारे भारतीय किसान भी इसकी तरफ आ रहे हैं। आज हम बताने जा रहे हैं, सुअरों में होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियां जैसे कि स्वाइन फ्लू, मुंह खोर, गल घोटू, बरूसीलोसिस, अंदरूनी या बाहरी जीवों के द्वारा हमला (परजीवी) आदि हैं।
1. स्वाइन फ्लू से लैपीनाइजड टीका 1 मि.ली. (वर्ष में एक बार)
2. मुंह खोर से ऑयल एडजुवैंट (पॉली वेलैंट) टीका 1 मि.ली. बच्चे को, 3 मि.ली. बालग को (वर्ष में 2 बार)।
3. गल घोटू से ऑयल एडजुवैंट टीका (वर्ष में एक बार) देना चाहिए।
4. सुअरों को परजीवी हमले के अंदरूनी जीवों से बचाने के लिए जीव रहित करने वाली दवाइयां हर 3 महीने पर देनी चाहिए।
5. फार्म और बीमार सुअरों को सुअरों से अलग स्थान में रखकर इलाज करना चाहिए।
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